🎵शंकर तेरी जटा से बहती है गंग धारा🎵
🙏 गायक: प्रेमभूषण जी महाराज
🎼 गीत: पारंपरिक
विवरण:
शंकर तेरी जटा से बहती है गंग धारा एक अद्भुत भजन है, जिसे प्रेमभूषण जी महाराज ने गाया है। इस भजन में भगवान शिव के विभिन्न रूपों और उनके दिव्य गुणों का वर्णन किया गया है। भृगु में त्रिशूल, डमरू और गंगाधारा के माध्यम से शिव की महिमा का गायन किया गया है। इस भजन के माध्यम से श्रद्धालु भगवान शिव की उपासना और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। भगवान शिव की भक्ति में रमे इस भजन को सुनें और अपने जीवन में शांति और सुख की प्राप्ति करें।
गीत के बोल:
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा,
काली घटा के अंदर,
जु दामिनी उजाला,
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा ॥
गल में मुंड माला की साजे,
शशि भाल में गंग विराजे,
डम डम डमरू बाजे,
कर में त्रिशूल धारा,
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा ॥
भृग में तीन है तेज विसारे,
कटीबंद में नाग सवारे,
कहलाते कैलाश पति ये,
करते जहाँ विसारा,
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा ॥
शिव के नाम को जो उच्चारे,
सबके पाप दोष दुःख हारे,
सारी श्रष्टि के दाता ये,
भव से पार उतारे,
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा ॥
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा,
काली घटा के अंदर,
जु दामिनी उजाला,
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा ॥
Credit Details :
Song: Shankar Teri Jata Se Behti Hai Gang Dhara
Singer: Prembhushan Ji Maharaj
Lyrics: Traditional
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