🎵का लेके शिव के मनाइब हो🎵
🙏 गायक: प्रेमभूषण जी महाराज
🎼 गीत: पारंपरिक
विवरण:
का लेके शिव के मनाई हो एक भव्य भजन है, जिसे प्रेमभूषण जी महाराज ने गाया है। इस भजन में भगवान शिव के प्रति सच्ची भक्ति को प्रस्तुत किया गया है। भजन में यह संदेश दिया गया है कि शिव के मन को कोई भौतिक वस्तु या सुख नहीं भाते। चाहे वह सोना हो, मोटर गाड़ी हो या कोई अन्य चीज़, भगवान शिव केवल सच्ची भक्ति को ही स्वीकार करते हैं। इस भजन के माध्यम से भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और भक्ति को महसूस करें।
गीत के बोल:
का लेके शिव के मनाई हो शिव मानत नाही,
पुरी कचौड़ी से शिव के मनहू ना भावे
भांग धतूरा कहा पाइब हो शिव मानत नाही
का लेके शिव के मनाई हो शिव मानत नाही
शाला दुशाला शिव मन हू ना भावे
मृगा के छाल कहा पाइब हो शिव मानत नाही
का लेके शिव के मनाई हो शिव मानत नाही
मोटर गाड़ी शिव के मनहू ना भावे
बसहा बैल कहा पाइब हो शिव मानत नाही
का लेके शिव के मनाई हो शिव मानत नाही
कोठा अटारी शिव के मनहू ना भावे
टुटली मडइया कहा पाइब हो शिव मानत नाही
का लेके शिव के मनाई हो शिव मानत नाही
सोना के चैन शिव के मनहू ना भावे
सर्प के माला कहा पाइब हो शिव मानत नाही
का लेके शिव के मनाई हो शिव मानत नाही
Credit Details :
Song: Ka Leke Shiv Ke Manaib Ho
Singer: Prembhushan Ji Maharaj
Lyrics: Traditional
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