🎵तेरे डमरू की धुन सुनके🎵
🙏 गायक: पंडित प्रदीप मिश्रा जी
🎼 गीत: पारंपरिक
विवरण:
तेरे डमरू की धुन सुनके, पंडित प्रदीप मिश्रा जी की आवाज़ में एक सुंदर शिव भजन है, जिसमें भक्तों का समर्पण और काशी नगरी की महिमा का वर्णन किया गया है। "तेरी काशी में मुक्ति है, उसी मुक्ति को पाने को मैं काशी नगरी आई हूँ" जैसे शब्द शिव की कृपा और उनके दर पर मुक्ति पाने की इच्छा को व्यक्त करते हैं। यह भजन काशी में गंगा स्नान, शिव मंदिर में पूजा और भक्ति के महत्व को दर्शाता है। सुनें और महादेव की आशीर्वाद से अपने जीवन को सार्थक बनाएं।
गीत के बोल:
तेरे डमरू की धुन सुनके,
मैं काशी नगरी आई हूँ,
मेरे भोले ओ बम भोले,
मैं काशी नगरी आई हूँ।।
सुना है हमने ओ भोले,
तेरी काशी में मुक्ति है,
उसी मुक्ति को पाने को,
मैं काशी नगरी आई हूँ,
मेरे भोले ओ बम भोले,
मैं काशी नगरी आई हूँ।।
सुना है हमने ओ भोले,
तेरी काशी में गंगा है,
उसी गंगा में नहाने को,
मैं काशी नगरी आई हूँ,
मेरे भोले ओ बम भोले,
मैं काशी नगरी आई हूँ।।
सुना है हमने ओ भोले,
तेरी काशी में मंदिर है,
उसी मन्दिर में पूजा को,
मैं काशी नगरी आई हूँ,
मेरे भोले ओ बम भोले,
मैं काशी नगरी आई हूँ।।
सुना है हमने ओ भोले,
तेरी काशी में भक्ति है,
उसी भक्ति को पाने को,
मैं काशी नगरी आई हूँ,
मेरे भोले ओ बम भोले,
मैं काशी नगरी आई हूँ।।
तेरे डमरू की धुन सुनके,
मैं काशी नगरी आई हूँ,
मेरे भोले ओ बम भोले,
मैं काशी नगरी आई हूँ।।
Credit Details :
Song: Tere Damru Ki Dhun Sunke
Singer: Pandit Pradeep Mishra Ji
Lyricist: Traditional
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