Current Date: 29 Nov, 2024

श्री रुद्राष्टकम - Shri Rudrashtakam

- Pandit Mritunjay Hiremath


॥ श्रीरुद्राष्टकम् ॥
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं
विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं
चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ॥ १॥
निराकारमोंकारमूलं तुरीयं
गिरा ज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम् ।
करालं महाकाल कालं कृपालं
गुणागार संसारपारं नतोऽहम् ॥ २॥

तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं
मनोभूत कोटिप्रभा श्री शरीरम् ।
स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारु गङ्गा
लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा ॥ ३॥

चलत्कुण्डलं भ्रू सुनेत्रं विशालं
प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् ।
मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं
प्रियं शंकरं सर्वनाथं भजामि ॥ ४॥

प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं
अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशम् ।
त्रयः शूल निर्मूलनं शूलपाणिं
भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यम् ॥ ५॥

कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी
सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी ।
चिदानन्द संदोह मोहापहारी
प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ॥ ६॥

न यावत् उमानाथ पादारविन्दं
भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् ।
न तावत् सुखं शान्ति सन्तापनाशं
प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासम् ॥ ७॥

न जानामि योगं जपं नैव पूजां
नतोऽहं सदा सर्वदा शम्भु तुभ्यम् ।
जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं
प्रभो पाहि आपन्नमामीश शम्भो ॥ ८॥

रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तं विप्रेण हरतोषये ।
ये पठन्ति नरा भक्त्या तेषां शम्भुः प्रसीदति ॥
॥ इति श्रीगोस्वामितुलसीदासकृतं श्रीरुद्राष्टकं संपूर्णम् ॥



Namaam-Iisham-Iishaana Nirvaanna-Rupam
Vibhum Vyaapakam Brahma-Veda-Svarupam ।
Nijam Nirgunnam Nirvikalpam Niriiham
Cidaakaasham-Aakaasha-Vaasam Bhaje-Aham ॥1॥

Niraakaaram-Ongkara-Muulam Turiiyam
Giraa-Jnyaana-Go-Atiitam-Iisham Giriisham
Karaalam Mahaakaala-Kaalam Krpaalam
Gunna-Aagaara-Samsaara-Paaram Nato-Aham ॥2॥

Tussaara-Adri-Samkaasha-Gauram Gabhiram
Mano-Bhuuta-Kotti-Prabhaa-Shrii Shariiram ।
Sphuran-Mauli-Kallolinii Caaru-Ganggaa
Lasad-Bhaala-Baale-Indu Kanntthe Bhujanggaa ॥3॥

Calat-Kunnddalam Bhruu-Sunetram Vishaalam
Prasanna-Aananam Niila-Kannttham Dayaalam ।
Mrga-Adhiisha-Carma-Ambaram Munndda-Maalam
Priyam Shangkaram Sarva-Naatham Bhajaami ॥4॥

Pracannddam Prakrssttam Pragalbham Pare-Iisham
Akhannddam Ajam Bhaanu-Kotti-Prakaasham ।
Tryah-Shuula-Nirmuulanam Shuula-Paannim
Bhaje-Aham Bhavaanii-Patim Bhaava-Gamyam ॥5॥

Kalaatiita-Kalyaanna Kalpa-Anta-Kaarii
Sadaa Sajjana-Aananda-Daataa Pura-Arii ।
Cid-Aananda-Samdoha Moha-Apahaarii
Prasiida Prasiida Prabho Manmatha-Arii ॥6॥

Na Yaavad Umaa-Naatha-Paada-Aravindam
Bhajanti-Iha Loke Pare Vaa Naraannaam ।
Na Taavat-Sukham Shaanti Santaapa-Naasham
Prasiida Prabho Sarva-Bhuuta-Adhi-Vaasam ॥7॥

Na Jaanaami Yogam Japam Naiva Puujaam
Natoham Sadaa Sarvadaa Shambhu-Tubhyam ।
Jaraa-Janma-Duhkhau-Agha Taatapyamaanam
Prabho Paahi Aapanna-Maam-Iisha Shambho ॥8॥

Rudraassttaka-Idam Proktam Viprenna Hara-Tossaye ।
Ye Patthanti Naraa Bhaktyaa Tessaam Shambhuh Prasiidati ॥

॥ Eti Shri Goswami Tulasidas Kratm 
Shri Rudrashtakam Sampoornam ॥

Credit Details :

Song: Shri Rudrashtakam
Singer: Pandit Mritunjay Hiremath
Lyricist: Traditional

अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।