🎵शंकर तेरी जटा से🎵
🙏 गायक: नरेंद्र चंचल
🎼 संगीत: सोहन लाल
विवरण:
नरेन्द्र चंचल का भजन 'शंकर तेरी जटा से' भगवान शिव की महिमा और उनके अद्वितीय रूप का वर्णन करता है। इस भजन में शिव की जटाओं से बहती गंगा, शेष नाग, और तांडव नृत्य का उल्लेख किया गया है। 'जय जय भोलेनाथ भंडारी' जैसे शब्दों में शिव के प्रति भक्ति की अभिव्यक्ति है। यह भजन भगवान शिव के तमाम रूपों को प्रकट करता है, जिनमें शिव के साथ गौरा, गणपति, और योगिनियों का भी उल्लेख है। भगवान शिव के आशीर्वाद से भक्तों के जीवन में शांति और उद्धार आता है।
गीत के बोल:
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा
काली घटा में चमके,
जैसे कोई सितारा ।
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा
काली घटा में चमके,
जैसे कोई सितारा ।
जय जय भोलेनाथ भंडारी,
जय जय नीलकंठ त्रिपुरारी ।
शेश नाग मस्तक पर सोहे,
गल मुंडन की माला मोहे,
नंदी गण गौरा संग साजे,
गणपति लाल दुलारा ।
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा
काली घटा में चमके,
जैसे कोई सितारा ।
जय जय भोलेनाथ भंडारी,
जय जय नीलकंठ त्रिपुरारी ।
योगनियाँ संग शोर मचावे,
तांडव नाच करे सब गावे,
हर हर महादेव पुकारे,
जय जय शिव ॐकारा,
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा
काली घटा में चमके,
जैसे कोई सितारा ।
जय जय भोलेनाथ भंडारी,
जय जय नीलकंठ त्रिपुरारी ।
आक धतूरा खाने वाले,
विष का प्याला पीने वाले,
विशवनाथ और अमरनाथ में,
मुक्ति का तेरा द्वारा ।
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा
काली घटा में चमके,
जैसे कोई सितारा ।
जय जय भोलेनाथ भंडारी,
जय जय नीलकंठ त्रिपुरारी ।
Credit Details :
Song: Shankar Teri Jata Se
Singer: Narendra Chanchal
Music Director: Sohan Lal
Lyricist: Mahant Om Nath Sharma
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