Current Date: 21 Jan, 2025

शंकर तेरी जटा से

- Mathili Thakur


भोले तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा,
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा,
काली घटा के अंदर,
काली घटा के अंदर,
जु दामिनी उजाला,
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा।।

गल मुंड माल राजे,
शशि भाल पे विराजे,
डमरू निनाद बाजे,
कर में त्रिशूल धारा,
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा।।

मृग चर्म वसन धारी,
वृषराज पे सवारी,
निज भक्त दुःख हारी,
कैलाश में विहारा,
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा।।

दृग तीन तेज राशि,
कटिबंद नाग फासी,
गिरिजा है संग दासी,
सब विश्व के आधारा,
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा।।

शिव नाम जो उचारे,
सब पाप दोष टारे,
‘ब्रम्हानंद’ ना विसारे,
भव सिंधु पार तारा,
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा।।

भोले तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा,
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा,
काली घटा के अंदर,
काली घटा के अंदर,
जु दामिनी उजाला,
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा।।

Credit Details :

Song: Shankar Teri Jata Se
Singer: Mathili Thakur
Lyrics: Traditional
Music: Rishav Thakur & Ayachi Thakur

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