Current Date: 29 Jan, 2025

चलो अमरनाथ

- Lakhbir Singh Lakkha


( मेरे बाबा, बर्फानी...
भूख़े को अन्न... प्यासे को पानी... )

चलो अमरनाथ, चलो अमरनाथ,
चलो, अमरनाथ प्यारे, बम बम के, लगा नाहरे ॥
( हर हर के, लगा नाहरे, बम बम के, लगा नाहरे )

अमरनाथ की, अमर यात्रा, करता किस्मत वाला,
अद्भुत गुफ़ा, विशाल निराली, दरवाज़ा न ताला ॥
( हर हर बम बम, हर हर बम बम,
हर हर बम बम, हर हर )
दुर्गम घाटी, रस्ता है कठिन, बस चलता ही जा रे,
हर हर के, लगा नाहरे, बम बम के, लगा नाहरे...
( चलो अमरनाथ ॥ । प्यारे, हर हर के, लगा नाहरे,
बम बम के, लगा नाहरे, हर हर के, लगा नाहरे )
( मेरे बाबा, बर्फानी...
भूख़े को अन्न... प्यासे को पानी... )
( हर हर बम बम, हर हर बम बम,
हर हर बम बम, हर हर )

हो शिव ने, यहाँ पे, पार्बती को, अमर कथा थी सुनाई,
वेद पुराणों, ने भी महिमा, अमरनाथ की गई ॥
( हर हर बम बम, हर हर बम बम,
हर हर बम बम, हर हर )
कदम कदम, मन को मोहे, कुदरत के नज़ारे,
हर हर के, लगा नाहरे, बम बम के, लगा नाहरे...
( चलो अमरनाथ ॥ । प्यारे, हर हर के, लगा नाहरे,
बम बम के, लगा नाहरे, हर हर के, लगा नाहरे )
( मेरे बाबा, बर्फानी...
भूख़े को अन्न... प्यासे को पानी... )

भोले, जी के धाम, अमरनाथ, जी के धाम ॥
चलो, चलें भक्तो, गौरी, नाथ जी के धाम,
चलो, चलें भक्तो, उमा, नाथ जी के धाम,
भोले, जी के धाम, अमरनाथ, जी के धाम x॥
जयकारा... बर्फानी बाबा का...
बोल, भोले अमरनाथ की जय ।
जयकारा... शिव कैलाशी का...
बोल, भोले अमरनाथ की जय ।

बाबा, बर्फानी जी के, धाम, जो भी जाएँगे ॥
शिव भोले, भंडारी से वो, मुँह माँगा, फ़ल पाएँगे ।
मुँह माँगा, फ़ल पाएँगे वो, मन चाहा, फ़ल पाएँगे ।
हो, मुँह माँगा, फ़ल पाएँगे वो, मन चाहा, फ़ल पाएँगे ।
जो भी, सच्ची भावना से, उनकी महिमा गाएँगे,
शिव भोले, भंडारी से वो, मुँह माँगा, फ़ल पाएँगे ।

हो, धन वैभव की, गंगा वहेगी, घर में कमी, न कोई रहेगी ।
( शिव से, नाता जोड़ के, शिव से, नाता जोड़ के )
हो...कष्टों का, अंधकार मिटेगा, दुःख का, काला मेघ छटेगा ।
( उस पे, सब कुछ छोड़ के, उस पे, सब कुछ छोड़ के )
भोले जी के, दर पे जो भी, झोलियाँ फैलाएँगे,
शिव भोले, भंडारी से वो, मन चाहा, फ़ल पाएँगे ।

पाप तुम्हारे, धुल जाएँगे, भाग के द्वारे, खुल जाएँगे
( वहां पे, जा के देखिए, वहां पे, जा के देखिए )
रंक से राजा, बन जायोगे, तुम महां दानी, कहलायोगे ।
( माथा, तो सब टेकीए, माथा, तो सब टेकीए )
बस, सर के साथ, जो भी वहां, मन को झुकाएँगे ॥
शिव भोले, भंडारी से वो, मुँह माँगा, फ़ल पाएँगे ।
हो,, मुँह माँगा, फ़ल पाएँगे वो, मन चाहा, फ़ल पाएँगे ।
अरे,, दुःख उनके, मिट जाएँगे वोह, सुख के, मोती पाएँगे ।
हो,, बाबा, अमरनाथ जी के, धाम, जो भी जाएँगे...
( शिव भोले, भंडारी से वो, मुँह माँगा, फ़ल पाएँगे )
बाबा, अमरनाथ जी के, धाम, जो भी जाएँगे ॥
( मेरे, शिव भोले, भंडारी से वो, मुँह माँगा, फ़ल पाएँगे )

भोले, जी के धाम, अमरनाथ, जी के धाम ।
चलो...
भोले, जी के धाम, अमरनाथ, जी के धाम ।
चलो चलो...
चलो, चलें भक्तो, गौरी, नाथ जी के धाम,
चलो, चलें भक्तो, उमा, नाथ जी के धाम,
भोले, जी के धाम, अमरनाथ, जी के धाम x॥
जयकारा... भोले भंडारी का...
बोल, भोले अमरनाथ की जय ।
जयकारा... डमरु धारी का...
बोल, भोले अमरनाथ की जय ।

Credit Details :

Song: Chalo Amarnath
Singer: Lakhbir Singh Lakkha
Music: Durga-Natraj
Lyrics: Saral Kavi

अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।