दोहा – महाकाल सो नाम नहीं,
और उज्जैन सो कोई धाम,
करले मेरे महाकाल की भक्ति,
तेरे हो जाए सब काम।
मोरे उज्जैन के राजा करो किरपा,
मोरे राजा महाराजा करो किरपा।।
शीश गंग तन भस्मी धारी,
रूप अनुपम नंदी सवारी,
तेरी शरण में काल भी हारे,
तुम अनंत कई नाम तुम्हारे,
करो किरपा,
मोरें उज्जैन के राजा करो किरपा,
मोरे राजा महाराजा करो किरपा।।
जिसके मन में शिव ना समाया,
उसने कहाँ फिर शिव को पाया,
फूल नहीं इसलिए भी लाया,
खुद को अर्पण करने आया,
करो किरपा,
मोरें उज्जैन के राजा करो किरपा,
मोरे राजा महाराजा करो किरपा।।
मैं एक दीपक भोले बाबा,
तुम इस दिप की ज्योति,
तेरे नाम से भगत की बाबा,
दुनिया जगमग होती,
अर्जी सुनो उज्जैन के राजा,
किस्मत मेरी खोटी,
करो किरपा,
मोरें उज्जैन के राजा करो किरपा,
मोरे राजा महाराजा करो किरपा।।
मोरे उज्जैन के राजा करों किरपा,
मोरे राजा महाराजा करो किरपा।।
Credit Details :
Song: More Ujjain Ke Raja Karo Kripa
Singer: Kishan Bhagat
Music: Mayur Pandey
Lyrics: Jayant Shankhla & Kishan Bhagat
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