Current Date: 01 Jan, 2025
YouTube Video Thumbnail

Anaadi Ananta - Spiritual Nirgun - Dr.M - Mahadev - Shiv - Mystical

- Kailash Kher


🎵अनादि अनंता🎵

🙏 गायक: कैलाश खेर
🎼 संगीत: कैलाश खेर

विवरण:
आनादी अनंता – कैलाश खेर का यह भजन भगवान की अनंत चेतना को व्यक्त करता है। यह भजन आत्मा के निराकार और अनादि रूप का चित्रण करता है, जो ना जन्मा है, ना मरा है, और जो पूरी सृष्टि में व्याप्त है।

भजन में कहा गया है कि भगवान ना मन, बुद्धि, चित, अहंकार से बने हैं, ना किसी भौतिक रूप में बंधे हैं। उनका स्वरूप निराकार और निरविकल्प है, जो हर कण में व्याप्त है और जिसे कोई भी नहीं देख सकता। भजन में भगवान की चेतना को 'अनादि अनंता' के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जो सृष्टि के हर कण में समाहित है।

गीत के बोल:
ना मन हूँ ना बुद्धि ना चित अहंकार
ना जिव्या नयन नासिका करण द्वार
ना मन हूँ ना बुद्धि ना चित अहंकार
ना जिव्या नयन नासिका करण द्वार

ना चलता ना रुकता ना कहता ना सुनता
जगत चेतना हूँ अनादि अनन्ता
ना चलता ना रुकता ना कहता ना सुनता
जगत चेतना हूँ अनादि अनन्ता

ना मैं प्राण हूँ ना ही हूँ पंच वायु
ना मुज्मे घृणा ना कोई लगाव
ना लोभ मोह इर्ष्या ना अभिमान भाव
धन धर्म काम मोक्ष सब अप्रभाव

मैं धन राग गुणदोष विषय परियांता
जगत चेतना हूँ अनादि अनन्ता
मैं धन राग गुणदोष विषय परियांता
जगत चेतना हूँ अनादि अनन्ता

मैं पुण्य ना पाप सुख दुःख से विलग हूँ
ना मंत्र ना ज्ञान ना तीर्थ और यज्ञ हूँ

ना भोग हूँ ना भोजन ना अनुभव ना भोक्ता
जगत चेतना हूँ अनादि अनन्ता
ना भोग हूँ ना भोजन ना अनुभव ना भोक्ता
जगत चेतना हूँ अनादि अनन्ता

ना मृत्यु का भय है ना मत भेद जाना
ना मेरा पिता माता मैं हूँ अजन्मा

निराकार साकार शिव सिद्ध संता
जगत चेतना हूँ अनादि अनंता
निराकार साकार शिव सिद्ध संता
जगत चेतना हूँ अनादि अनंता

मैं निरलिप्त निरविकल्प सूक्ष्म जगत हूँ
हूँ चैतन्य रूप और सर्वत्र व्याप्त हूँ

मैं हूँ भी नहीं और कण कण रमता
जगत चेतना हूँ अनादि अनंता
मैं हूँ भी नहीं और कण कण रमता
जगत चेतना हूँ अनादि अनंता

ये भौतिक चराचर ये जगमग अँधेरा
ये उसका ये इसका ये तेरा ये मेरा
ये आना ये जाना लगाना है फेरा
ये नाश्वर जगत थोड़े दिन का है डेरा

ये प्रश्नों में उत्तर हुनिहित दिगंत
जगत चेतना हूँ अनादि अनंता
ये प्रश्नों में उत्तर हुनिहित दिगंत
जगत चेतना हूँ अनादि अनंता

ना मन हूँ ना बुद्धि ना चित अहंकार
ना जिव्या नयन नासिका करण द्वार
ना मन हूँ ना बुद्धि ना चित अहंकार
ना जिव्या नयन नासिका करण द्वार

ना चलता ना रुकता ना कहता ना सुनता
जगत चेतना हूँ अनादि अनंता
ना चलता ना रुकता ना कहता ना सुनता
जगत चेतना हूँ अनादि अनंता

ना चलता ना रुकता ना कहता ना सुनता
जगत चेतना हूँ अनादि अनंता
ना चलता ना रुकता ना कहता ना सुनता
जगत चेतना हूँ अनादि अनंता

Credit Details :

Song: Anaadi Ananta
Singer: Kailash Kher
Music: Kailash Kher

अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।