🎵एक दिन वो भोले भंडारी बन कर बृज की नारी🎵
🙏 गायक: जया किशोरी
🎼 गीत: पारंपरिक
विवरण:
जय किशोरी का भजन एक दिन वो भोला भंडारी भगवान शिव के अद्वितीय रूप और उनके ब्रज में राधा-कृष्ण के संग रास रचाने की कथा को प्रस्तुत करता है। इस गीत में पार्वती और त्रिपुरारी की दिलचस्प वार्ता के साथ भगवान शिव का ब्रज में आकर रास रचाने का भावपूर्ण वर्णन किया गया है। गायक की मधुर आवाज और भक्ति भाव भक्तों को भगवान शिव और राधा-कृष्ण के बीच गहरे प्रेम और नृत्य की ओर आकर्षित करती है।
गीत के बोल:
एक दिन वो भोला भंडारी,
बनकर सुन्दर नारी,
बिरज में आ गए हैं,
बिरज में आ गए हैं,
पार्वती ने मना किया तो,
ना माने त्रिपुरारी,
बिरज में आ गए हैं,
बिरज में आ गए हैं।।
पार्वती से बोले,
मैं भी चलूँगा तेरे संग में,
राधा संग श्याम नाचे,
मैं भी नाचूँगा तेरे संग में,
रास रचेगा ब्रज में भारी,
मुझे दिखाओ प्यारी,
बिरज में आ गए हैं,
बिरज में आ गए हैं।।
ओ मेरे भोले स्वामी,
कैसे ले जाऊं अपने साथ में,
मोहन के सिवा वहां,
कोई पुरुष ना जाए रास में
हंसी करेगी ब्रज की नारी,
मानो बात हमारी,
बिरज में आ गए हैं,
वृंदावन आ गए हैं।।
ऐसा सजा दो मुझे,
कोई ना जाने इस राज को,
मैं हूँ सहेली तेरी,
ऐसा बताना ब्रजराज को,
बना के जुड़ा पहन के साड़ी,
चाल चले मतवाली,
बिरज में आ गए हैं,
गोकुल में आ गए हैं।।
देखा मोहन ने ऐसा,
समझ गये वो सारी बात रे,
ऐसी बजाई बंसी,
सुध बुध भूले भोलेनाथ रे,
खिसक गयी जब सर से साड़ी,
मुस्काये गिरधारी,
बिरज में आ गए हैं,
बिरज में आ गए हैं।।
एक दिन वो भोला भंडारी,
बनकर सुन्दर नारी,
गोकुल में आ गए हैं।
पार्वती ने मना किया तो,
ना माने त्रिपुरारी,
बिरज में आ गए हैं,
बिरज में आ गए हैं।।
Credit Details :
Song: Ek Din Wo Bhole Bhandari Ban Kar Brij Ki Nari
Singer: Jaya Kishori
Lyricist: Traditional
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