कितना रोकूं मन के शोर को,
ये कहा रुकता है,
की शोर से परे,
उस मौन से मिलना है,
मुझे शिव से भी नहीं,
शिव में मिलना हैं ॥
मुझे शिव से नहीं,
शिव में मिलना है,
अपने अहम की,
आहुति दे जलना है,
मुझे शिव से नहीं,
शिव में मिलना हैं ॥
क्यों मुझे किसी और के,
कष्टों का कारण बनना है,
चाँद जो शीश सुशोभित,
उस चाँद सा शीतल बनना है,
उस चाँद सा शीतल बनना है,
मुझे शिव से नहीं,
शिव में मिलना हैं ॥
जितना मैं भटका,
उतना मैला हो आया हूँ,
कुछ ने है छला मोहे,
कुछ को मैं छल आया हूँ,
कुछ को मैं छल आया हूँ,
मुझे शिव से नहीं,
शिव में मिलना हैं ॥
मुझे शिव से नहीं,
शिव में मिलना हैं,
अपने अहम की,
आहुति दे जलना है,
मुझे शिव से नहीं,
शिव में मिलना हैं ॥
Credit Details :
Song: Shiv Mein Milna Hai
Singer & Composer: Hansraj Raghuwanshi
Project Manager: Komal Saklani
Featuring: Suresh Verma, Sumesh Sharma
Lyrics: Suman Thakur (Advocate)
Music: Ricky T GiftRuler
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