है विश्वनाथ बाबा,
सबसे बड़ा प्रतापी,
उसका ही बनारस है,
उसका ही ज्ञानवापी,
हम उसका कर्ज साँस ये,
देकर चुकाएंगे,
मंदिर जहाँ था फिर,
वहीँ मंदिर बनाएँगे,
मंदिर जहाँ था फिर,
वहीँ मंदिर बनाएँगे।।
हम भोले के भगत है,
फक्क्ड़ मिजाज वाले,
मस्ती में है मगन हम,
दुनिया से निराले,
हम काशी विश्वनाथ से,
वादा निभाएंगे,
मंदिर जहाँ था फिर,
वहीँ मंदिर बनाएँगे।।
आई भगवे की लहर है,
मंदिर है सजने वाला,
कैलाशी आए काशी,
डमरू है बजने वाला,
बस उसके सामने ही अपना,
सर झुकाएंगे,
मंदिर जहाँ था फिर,
वहीँ मंदिर बनाएँगे।।
है विश्वनाथ बाबा,
सबसे बड़ा प्रतापी,
उसका ही बनारस है,
उसका ही ज्ञानवापी,
हम उसका कर्ज साँस ये,
देकर चुकाएंगे,
मंदिर जहाँ था फिर,
वहीँ मंदिर बनाएँगे,
मंदिर जहाँ था फिर,
वहीँ मंदिर बनाएँगे।।
Hai Vishwanath Baba,
Sabse Bada Pratapi,
Uska Hi Banaras Hai,
Uska Hi Gyanvapi,
Hum Uska Karz Saans Ye,
De Kar Chukayenge,
Mandir Jahan Tha Phir,
Wahin Mandir Banayenge,
Mandir Jahan Tha Phir,
Wahin Mandir Banayenge.
Hum Bhole Ke Bhakt Hai,
Fakkad Mijaj Wale,
Masti Mein Hai Magan Hum,
Duniya Se Niraale,
Hum Kashi Vishwanath Se,
Wada Nibhayenge,
Mandir Jahan Tha Phir,
Wahin Mandir Banayenge.
Aayi Bhagve Ki Lahar Hai,
Mandir Hai Sajne Wala,
Kailashi Aaye Kashi,
Damru Hai Bajne Wala,
Bas Uske Samne Hi Apna,
Sar Jhukayenge,
Mandir Jahan Tha Phir,
Wahin Mandir Banayenge.
Hai Vishwanath Baba,
Sabse Bada Pratapi,
Uska Hi Banaras Hai,
Uska Hi Gyanvapi,
Hum Uska Karz Saans Ye,
De Kar Chukayenge,
Mandir Jahan Tha Phir,
Wahin Mandir Banayenge,
Mandir Jahan Tha Phir,
Wahin Mandir Banayenge.
Credit Details :
Song: Gyanvapi
Singer: Hansraj Raghuwanshi
Lyrics: Shekhar Astitwa
Music: Dj String
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