🎵सन्यासी🎵
🙏 गायक: हंसराज रघुवंशी
🎼 संगीत: डीजे स्ट्रिंग्स
विवरण:
सन्यासी भजन हंसराज रघुवंशी द्वारा भगवान शिव की शक्ति और महिमा को दर्शाता है। इस भजन में भगवान शिव के कैलाशवास, काशी निवास और महाकाल रूप को बताया गया है। शिव के शूल और डमरू के साथ उनकी दिव्य ऊर्जा का अहसास होता है। भजन में भगवान शिव ने विष पिया और दुनिया को अमृत दिया, जो शिव की अनंत शक्ति और दया का प्रतीक है। इस भजन को सुनकर आप शिव की महिमा में समाहित हो जाएंगे।
गीत के बोल:
कोई कहे कैलाशो के तुम हो वासी,
कोई कहे तुम रहते हो काशी,
हिमाचल की बेटी गौरा तेरी साखी,
रहते हो कहाँ सन्यासी,
कोई कहे कैलाशो के तुम हो वासी,
कोई कहे तुम रहते हो काशी......
चन्दन चढ़े तोहे धतूरा चढ़े तोहे,
चढ़े बेलपत्र दूध की धारा,
ओ देवा,
एक हाथ शूल तेरे एक हाथ डमरू तेरे,
जटाओं से बहे गंगा धारा,
हो देवा,
कोई कहे कैलाशो के तुम हो वासी,
कोई कहे तुम रहते हो काशी......
खुद तूने विष पिया औरों को अमृत बाँट के,
नील कंठ तब से तू कहलाया,
ओ भोले,
धरती अम्बर पाताल सब है तेरे महाकाल,
रघुवंशी करे तेरी पूजा,
हो देवा,
कोई कहे कैलाशो के तुम हो वासी,
कोई कहे तुम रहते हो काशी......
Credit Details :
Song: Sanyasi
Singer: Hansraj Raghuwanshi
Lyrics: Hansraj Raghuwanshi
Music: DJ Strings
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