🎵ज्ञानवापी🎵
🙏 गायक: हंसराज रघुवंशी
🎼 संगीत: डीजे स्ट्रिंग
विवरण:
हंसराज रघुवंशी का भजन 'ज्ञानवापी' काशी विश्वनाथ के प्रति गहरी श्रद्धा और मंदिर पुनर्निर्माण के संकल्प को व्यक्त करता है। इस भजन में भगवान शिव के अद्वितीय प्रभाव और काशी के महत्व का वर्णन किया गया है। 'हम उसका कर्ज साँस ये, दे कर चुकाएंगे' की भावना के साथ भक्तों का संकल्प है कि जहां पहले भगवान शिव का मंदिर था, वहीं पर एक और भव्य मंदिर निर्माण करेंगे। यह भजन भक्तों के मन में अडिग विश्वास और भगवान शिव के प्रति गहरी श्रद्धा को जागृत करता है।
गीत के बोल:
है विश्वनाथ बाबा,
सबसे बड़ा प्रतापी,
उसका ही बनारस है,
उसका ही ज्ञानवापी,
हम उसका कर्ज साँस ये,
देकर चुकाएंगे,
मंदिर जहाँ था फिर,
वहीँ मंदिर बनाएँगे,
मंदिर जहाँ था फिर,
वहीँ मंदिर बनाएँगे।।
हम भोले के भगत है,
फक्क्ड़ मिजाज वाले,
मस्ती में है मगन हम,
दुनिया से निराले,
हम काशी विश्वनाथ से,
वादा निभाएंगे,
मंदिर जहाँ था फिर,
वहीँ मंदिर बनाएँगे।।
आई भगवे की लहर है,
मंदिर है सजने वाला,
कैलाशी आए काशी,
डमरू है बजने वाला,
बस उसके सामने ही अपना,
सर झुकाएंगे,
मंदिर जहाँ था फिर,
वहीँ मंदिर बनाएँगे।।
है विश्वनाथ बाबा,
सबसे बड़ा प्रतापी,
उसका ही बनारस है,
उसका ही ज्ञानवापी,
हम उसका कर्ज साँस ये,
देकर चुकाएंगे,
मंदिर जहाँ था फिर,
वहीँ मंदिर बनाएँगे,
मंदिर जहाँ था फिर,
वहीँ मंदिर बनाएँगे।।
Credit Details :
Song: Gyanvapi
Singer: Hansraj Raghuwanshi
Lyrics: Shekhar Astitwa
Music: Dj String
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