🎵शिव संन्यासी से मरघट वासी से🎵
🙏 गायक: राकेश काला
🎼 संगीत: एम.एस.रावत
विवरण:
शिव सन्यासी से मरघट वासी से भजन राकेश काला द्वारा गाया गया है, जिसमें देवी गौरा (पार्वती) और भगवान शिव के विवाह की प्रेममयी और भक्ति से भरी कहानी प्रस्तुत की गई है। इस भजन में गौरा के समर्पण, शिव के प्रति उनकी अडिग श्रद्धा, और उनके बीच जन्मों का बंधन दिखाया गया है। शिव और पार्वती के विवाह के पवित्र और दिव्य रिश्ते को दर्शाने वाला यह भजन शिव के अनंत प्रेम और भक्ति की महिमा को उजागर करता है।
गीत के बोल:
शिव सन्यासी से मरघट वासी से,
मैया करूँगी मैं तो ब्याह,
मैं शिव को ध्याऊँगी,
उन्ही को पाऊँगी ।
शिव संग करूँगी मैं तो ब्याह,
हाँ शिव संग मैं तो करूँगी ब्याह,
शिव संन्यासी से मरघट वासी से,
मैया करूँगी मैं तो ब्याह।।
(मैना रानी और पार्वती संवाद)
मैना ने समझाया,
वो है समशान का वासी,
तू महलों की रानी,
तू कैसे बनेगी दासी ।
गौरा तू सोचले सोचले,
कैसे करेगी ब्याह,
शिव संन्यासी से मरघट वासी से,
मैया करूँगी मैं तो ब्याह।।
बाबा हिमाचल देखो,
सब ऋषियो को ले आए,
सबने मिलकर देखो,
फिर गौरा को समझाए ।
औघड़ है योगी है योगी है,
कैसे होगा निबाह,
शिव संन्यासी से मरघट वासी से,
मैया करूँगी मैं तो ब्याह।।
ना मानी थी गौरा,
वो शिव के ध्यान में लागी,
शिव की याद में सोई,
वो शिव की याद में जागी ।
जनम जनम का साथ है साथ है,
जन्मो का रिश्ता,
शिव संन्यासी से मरघट वासी से,
मैया करूँगी मैं तो ब्याह।।
Credit Details :
Song: Shiv Sanyasi Se Marghat Wasi Se
Lyrics: Chandan Tilak
Singer: Rakesh Kala
Music: M.S.Rawat
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