Current Date: 05 Dec, 2024

शिव ताण्डव स्तोत्रम् - Shiv Tandav Stotram

- Anuradha Paudwal


॥ श्रीगणेशाय नमः ॥
जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थले
गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम् ।
डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं
चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् ॥१॥

जटाकटाहसम्भ्रमभ्रमन्निलिम्पनिर्झरी
विलोलवीचिवल्लरीविराजमानमूर्धनि ।
धगद्धगद्धगज्ज्वलल्ललाटपट्टपावके
किशोरचन्द्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम ॥२॥

धराधरेन्द्रनंदिनीविलासबन्धुबन्धुर
स्फुरद्दिगन्तसन्ततिप्रमोदमानमानसे ।
कृपाकटाक्षधोरणीनिरुद्धदुर्धरापदि
क्वचिद्दिगम्बरे(क्वचिच्चिदम्बरे) मनो विनोदमेतु वस्तुनि ॥३॥

जटाभुजङ्गपिङ्गलस्फुरत्फणामणिप्रभा
कदम्बकुङ्कुमद्रवप्रलिप्तदिग्वधूमुखे ।
मदान्धसिन्धुरस्फुरत्त्वगुत्तरीयमेदुरे
मनो विनोदमद्भुतं बिभर्तु भूतभर्तरि ॥४॥

सहस्रलोचनप्रभृत्यशेषलेखशेखर
प्रसूनधूलिधोरणी विधूसराङ्घ्रिपीठभूः ।
भुजङ्गराजमालया निबद्धजाटजूटक
श्रियै चिराय जायतां चकोरबन्धुशेखरः ॥५॥

ललाटचत्वरज्वलद्धनञ्जयस्फुलिङ्गभा
निपीतपञ्चसायकं नमन्निलिम्पनायकम् ।
सुधामयूखलेखया विराजमानशेखरं
महाकपालिसम्पदेशिरोजटालमस्तु नः ॥६॥

करालभालपट्टिकाधगद्धगद्धगज्ज्वल
द्धनञ्जयाहुतीकृतप्रचण्डपञ्चसायके ।
धराधरेन्द्रनन्दिनीकुचाग्रचित्रपत्रक
प्रकल्पनैकशिल्पिनि त्रिलोचने रतिर्मम ॥७॥

नवीनमेघमण्डली निरुद्धदुर्धरस्फुरत्
कुहूनिशीथिनीतमः प्रबन्धबद्धकन्धरः ।
निलिम्पनिर्झरीधरस्तनोतु कृत्तिसिन्धुरः
कलानिधानबन्धुरः श्रियं जगद्धुरंधरः ॥८॥

प्रफुल्लनीलपङ्कजप्रपञ्चकालिमप्रभा
वलम्बिकण्ठकन्दलीरुचिप्रबद्धकन्धरम् ।
स्मरच्छिदं पुरच्छिदं भवच्छिदं मखच्छिदं
गजच्छिदांधकच्छिदं तमन्तकच्छिदं भजे ॥९॥

अगर्व सर्वमङ्गलाकलाकदम्बमञ्जरी
रसप्रवाहमाधुरी विजृम्भणामधुव्रतम् ।
स्मरान्तकं पुरान्तकं भवान्तकं मखान्तकं
गजान्तकान्धकान्तकं तमन्तकान्तकं भजे ॥१०॥

जयत्वदभ्रविभ्रमभ्रमद्भुजङ्गमश्वस
द्विनिर्गमत्क्रमस्फुरत्करालभालहव्यवाट् ।
धिमिद्धिमिद्धिमिध्वनन्मृदङ्गतुङ्गमङ्गल
ध्वनिक्रमप्रवर्तित प्रचण्डताण्डवः शिवः ॥११॥

दृषद्विचित्रतल्पयोर्भुजङ्गमौक्तिकस्रजोर्
गरिष्ठरत्नलोष्ठयोः सुहृद्विपक्षपक्षयोः ।
तृणारविन्दचक्षुषोः प्रजामहीमहेन्द्रयोः
समं प्रव्रितिक: कदा सदाशिवं भजाम्यहम ॥१२॥

कदा निलिम्पनिर्झरीनिकुञ्जकोटरे वसन्
विमुक्तदुर्मतिः सदा शिरः स्थमञ्जलिं वहन् ।
विमुक्तलोललोचनो ललामभाललग्नकः
शिवेति मंत्रमुच्चरन् कदा सुखी भवाम्यहम् ॥१३॥

निलिम्प नाथनागरी कदम्ब मौलमल्लिका-
निगुम्फनिर्भक्षरन्म धूष्णिकामनोहरः ।
तनोतु नो मनोमुदं विनोदिनींमहनिशं
परिश्रय परं पदं तदङ्गजत्विषां चयः ॥१४॥

प्रचण्ड वाडवानल प्रभाशुभप्रचारणी
महाष्टसिद्धिकामिनी जनावहूत जल्पना ।
विमुक्त वाम लोचनो विवाहकालिकध्वनिः
शिवेति मन्त्रभूषगो जगज्जयाय जायताम् ॥१५॥

इमं हि नित्यमेवमुक्तमुत्तमोत्तमं स्तवं
पठन्स्मरन्ब्रुवन्नरो विशुद्धिमेतिसंततम् ।
हरे गुरौ सुभक्तिमाशु याति नान्यथा गतिं
विमोहनं हि देहिनां सुशङ्करस्य चिंतनम् ॥१६॥

पूजावसानसमये दशवक्त्रगीतं
यः शम्भुपूजनपरं पठति प्रदोषे ।
तस्य स्थिरां रथगजेन्द्रतुरङ्गयुक्तां
लक्ष्मीं सदैव सुमुखिं प्रददाति शम्भुः ॥१७॥

इति श्रीरावण कृतम्
शिव ताण्डव स्तोत्रम्स म्पूर्णम्



॥ Shriganeshay Namah ॥

Jatatavigalajjala Pravahapavitasthale
Galeavalambya Lambitam Bhujangatungamalikam ।
Damad Damad Damaddama Ninadavadamarvayam
Chakara Chandtandavam Tanotu Nah Shivah Shivam ॥ 1 ॥

Jata Kata Hasambhrama Bhramanilimpanirjhari
Vilolavichivalarai Virajamanamurdhani ।
Dhagadhagadhagajjva Lalalata Pattapavake
Kishora Chandrashekhare Ratih Pratikshanam Mama ॥ 2 ॥

Dharadharendrana Ndinivilasabandhubandhura
Sphuradigantasantati Pramodamanamanase ।
Krupakatakshadhorani Nirudhadurdharapadi
Kvachidigambare Manovinodametuvastuni ॥ 3 ॥

Jata Bhujan Gapingala Sphuratphanamaniprabha
Kadambakunkuma Dravapralipta Digvadhumukhe ।
Madandha Sindhu Rasphuratvagutariyamedure
Mano Vinodamadbhutam Bibhartu Bhutabhartari ॥ 4 ॥

Sahasra Lochana Prabhritya Sheshalekhashekhara
Prasuna Dhulidhorani Vidhusaranghripithabhuh ।
Bhujangaraja Malaya Nibaddhajatajutaka
Shriyai Chiraya Jayatam Chakora Bandhushekharah ॥ 5 ॥

Lalata Chatvarajvaladhanajnjayasphulingabha
Nipitapajnchasayakam Namannilimpanayakam ।
Sudha Mayukha Lekhaya Virajamanashekharam
Maha Kapali Sampade Shirojatalamastunah ॥ 6 ॥

Karala Bhala Pattikadhagaddhagaddhagajjvala
Ddhanajnjaya Hutikruta Prachandapajnchasayake ।
Dharadharendra Nandini Kuchagrachitrapatraka
Prakalpanaikashilpini Trilochane Ratirmama ॥ 7 ॥

Navina Megha Mandali Niruddhadurdharasphurat
Kuhu Nishithinitamah Prabandhabaddhakandharah ।
Nilimpanirjhari Dharastanotu Krutti Sindhurah
Kalanidhanabandhurah Shriyam Jagaddhurandharah ॥ 8 ॥

Praphulla Nila Pankaja Prapajnchakalimchatha
Vdambi Kanthakandali Raruchi Prabaddhakandharam ।
Smarachchidam Purachchhidam Bhavachchidam Makhachchidam
Gajachchidandhakachidam Tamamtakachchidam Bhaje ॥ 9 ॥

Akharvagarvasarvamangala Kalakadambamajnjari
Rasapravaha Madhuri Vijrumbhana Madhuvratam ।
Smarantakam Purantakam Bhavantakam Makhantakam
Gajantakandhakantakam Tamantakantakam Bhaje ॥ 10 ॥

Jayatvadabhravibhrama Bhramadbhujangamasafur
Dhigdhigdhi Nirgamatkarala Bhal Havyavat ।
Dhimiddhimiddhimidhva Nanmrudangatungamangala
Dhvanikramapravartita Prachanda Tandavah Shivah ॥ 11 ॥

Drushadvichitratalpayor Bhujanga Mauktikasrajor
Garishtharatnaloshthayoh Suhrudvipakshapakshayoh ।
Trushnaravindachakshushoh Prajamahimahendrayoh
Sama Pravartayanmanah Kada Sadashivam Bhaje ॥ 12 ॥

Kada Nilimpanirjhari Nikujnjakotare Vasanh
Vimuktadurmatih Sada Shirah Sthamajnjalim Vahanh ।
Vimuktalolalochano Lalamabhalalagnakah
Shiveti Mantramuchcharan Sada Sukhi Bhavamyaham ॥ 13 ॥

Nilimp Nathnagari Kadamb Maulamallika-
Nigumphanibharksharanam Dhushnikamnohar: ।
Tanotu No Manomudam Vinodininamhanishan
Parishray Paran Padan Tadgajatvishayan Chyah ॥ 14 ॥

Prachanda Vadwanal Prabhashubhapracharani
Mahashtasiddhikamini Janavahoot Jalpana ।
Vimukt Vaam Lochno Vivahkalikdhwanihi
Shiveti Mantrabhusha Jagjjaya Jayatam ॥ 15 ॥

Idam Hi Nityameva Muktamuttamottamam Stavam
Pathansmaran Bruvannaro Vishuddhimeti Santatam ।
Hare Gurau Subhaktimashu Yati Nanyatha Gatim
Vimohanam Hi Dehinam Sushankarasya Chintanam ॥ 16 ॥

Puja Vasanasamaye Dashavaktragitam,
Yah Shambhupujanaparam Pathati Pradoshhe ।
Tasya Sthiram Rathagajendraturangayuktam,
Lakshmim Sadaiva Sumukhim Pradadati Shambhuh ॥ 17 ॥

Iti Shriravan Kritam
Shiv Tandav Stotram Sampoornam

Credit Details :

Song: Shiv Tandav Stotram 
Singer: Anuradha Paudwal
Music Directors: Nikhil, Vinay, Nandu Honap
Lyrics: Traditional

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