मन शिव में ऐसे रमा है,
ये भूल गए हम कहा है,
सारा जग शिव मय दिखता है,
अम्बर शिव धरती उमा है,
मन शिव में ऐसे रमा है।।
जब ध्यान में आते है शिव जी,
मुझे अद्भुत शांति मिलती है,
में दिखला नही सकता जग को,
जो मन में ज्योति जलती है,
जब भूल कोई हो जाती है,
शिव करते मुझको क्षमा है,
सारा जग शिव मय दिखता है,
अम्बर शिव धरती उमा है,
मन शिव मे ऐसे रमा है।।
शिव भक्ति का आनदं मधुर,
कोई वर्णन कर ना पाते है,
ये वो ही जाने भक्त यहाँ,
जो शंम्भूमय हो जाते है,
जैसी मूरत मन में दिखती है,
उसकी ना कोई उपमा है,
सारा जग शिव मय दिखता है,
अम्बर शिव धरती उमा है,
मन शिव मे ऐसे रमा है।।
शिव की महानता अति उदार,
जो पूजे वो पा जाते है,
जिस पे हो शिव शम्भू की कृपा,
वो प्राणी अम्र पद पाते है,
भक्तो के हेतु बन बैठे शिव,
पाषाण की एक प्रतिमा है,
सारा जग शिव मय दिखता है,
अम्बर शिव धरती उमा है,
मन शिव में ऐसे रमा है।।
Credit Details :
Song: Man Shiv Mein Aisa Rama Hai
Singer: Anup Jalota
Composer: Shaank-Neel
Lyrics: Pt. Kiran Mishra
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