Current Date: 18 Dec, 2024
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Namo Namo - Lyrical - Kedarnath - Sushant Rajput - Sara Ali Khan - Amitabh B

- Amit Trivedi


🎵नमो नमो जी शंकरा🎵

🙏 गायक: अमित त्रिवेदी
🎼 गीत: अमिताभ भट्टाचार्य

विवरण:
नमो नमो जी शंकरा भगवान शिव के प्रति असीम श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। इस भजन में भगवान शंकर की अनंत महिमा का वर्णन किया गया है, जो सृष्टि के रचयिता, संहारक और पालनहार हैं। शिव की शक्ति, उनका रूप, और उनके द्वारा किए गए अद्वितीय कार्यों का उद्घाटन इस भजन के माध्यम से होता है।

भजन में शिव के द्वारा विष पान करने की कथा, उनकी जटाओं से गंगा के प्रवाह और उनके महान कर्मों का भी उल्लेख है। जय त्रिलोकनाथ शम्भू के उद्घोष से भगवान शिव की महानता को और भी प्रगाढ़ किया गया है। यह भजन उनके भक्तों के दिलों में उनकी उपस्थिति और आशीर्वाद की भावना को जागृत करता है।

गीत के बोल:
जय हो जय हो शंकरा,
भोलेनाथ शंकरा ।
आदि देव शंकरा,
हे शिवाय शंकरा ।।

तेरे जाप के बिना,
भोलेनाथ शंकरा ।
चले ये साँस किस तरह,
हे शिवाय शंकरा ।।

मेरा कर्म तू ही जाने,
क्या बुरा है क्या भला ।
तेरे रास्ते पे मैं तो,
आँख मूँद के चला ।।

तेरे नाम की जोत ने ।
सारा हर लिया तमस मेरा ।।

नमो नमो जी शंकरा,
भोलेनाथ शंकरा ।
जय त्रिलोकनाथ शम्भू,
हे शिवाय शंकरा ।।

नमो नमो जी शंकरा,
भोलेनाथ शंकरा ।
रुद्रदेव हे महेश्वरा ।।

सृष्टि के जनम से भी,
पहले तेरा वास था ।
ये जग रहे या ना रहे,
रहेगी तेरी आस्था ।।

क्या समय क्या प्रलय,
दोनों में तेरी महानता ।
महानता महानता ।।

सीपियों की ओट में,
भोलेनाथ शंकरा ।
मोतियाँ हो जिस तरह,
हे शिवाय शंकरा ।।

मेरे मन में शंकरा,
भोलेनाथ शंकरा ।
तू बसा है उस तरह,
हे शिवाय शंकरा ।।

मुझे भरम था जो है मेरा,
था कभी नहीं मेरा ।
अर्थ क्या निरर्थ क्या,
जो भी है सभी तेरा ।।

तेरे सामने है झुका ।
मेरे सर पे हाथ रख तेरा ।।

नमो नमो जी शंकरा,
भोलेनाथ शंकरा ।
जय त्रिलोकनाथ शम्भू,
हे शिवाय शंकरा ।।

नमो नमो जी शंकरा,
भोलेनाथ शंकरा ।
रुद्रदेव हे महेश्वरा ।।

चन्द्रमा ललाट पे,
भस्म है भुजाओं में ।
वस्त्र बाघ छाल का,
है खड़ाऊ पाँव में ।।

प्यास क्या और तुझे,
गंगा है तेरी जटाओं में ।
जटाओं में, जटाओं में ।।

दूसरों के वास्ते,
भोलेनाथ शंकरा ।
तू सदैव ही जिया,
हे शिवाय शंकरा ।।

माँगा कुछ कभी नहीं,
भोलेनाथ शंकरा ।
तूने सिर्फ है दिया,
हे शिवाय शंकरा ।।

समुद्र मंथन का,
था समय जो आ पड़ा ।
द्वंद दोनों लोक में,
विशामृत पे था छिड़ा ।।

अमृत सभी में बाँट के ।
प्याला विष का तूने खुद पिया ।।

नमो नमो जी शंकरा,
भोलेनाथ शंकरा ।
जय त्रिलोकनाथ शम्भू,
हे शिवाय शंकरा ।।

नमो नमो जी शंकरा,
भोलेनाथ शंकरा ।
रुद्रदेव हे महेश्वरा ।।

नमो नमो जी शंकरा,
भोलेनाथ शंकरा ।
जय त्रिलोकनाथ शम्भू
हे शिवाय शंकरा ।।

नमो नमो जी शंकरा ।
भोलेनाथ शंकरा ।।

रुद्रदेव हे महेश्वरा
रुद्रदेव हे महेश्वरा ।
रुद्रदेव हे महेश्वरा ।।

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