जय भोले जय भंडारी
तेरी है महिमा न्यारी
तेरी मोहिनी मूरत लगे है प्यारी
जय भोले जय भंडारी
तेरी है महिमा नयारी
री मोहिनी मूरत लगे है प्यारी
कण कण में है तेरा वास प्रभु
है तीनो लोक में तू ही तू
जल में है थल में है नभ में है
पवन में है तेरी छवि समाई
डमरू की धुन में है झूमे है श्रृष्टि
महिमा यह कैसी रचाई
तेरी जय जय करे दुनिया सारी
जिसने भी तेरा ध्यान किया
उसको सुख का वरदान दिया
दानी है वरदानी है भोले बाबा
है भक्तों पे उपकार तेरा
रावण को दे डाली सोने की लंका
किया आप परबत पे डेरा
नहीं दूजा कोई तुमसा है उपकारी
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