Current Date: 18 Nov, 2024

शिव चालीसा (Shiv Chalisa)

- The Lekh


शिव चालीसा

॥ दोहा ॥
जय गणेश गिरिजा सुवन,
मंगल मूल सुजान ।
कहत अयोध्यादास तुम,
देहु अभय वरदान ॥

॥ चौपाई ॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला ।
सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥

भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।
कानन कुण्डल नागफनी के ॥

अंग गौर शिर गंग बहाये ।
मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे ।
छवि को देखि नाग मन मोहे ॥ 4

मैना मातु की हवे दुलारी ।
बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी ।
करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे ।
सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥

कार्तिक श्याम और गणराऊ ।
या छवि को कहि जात न काऊ ॥ 8

गणेश जी का सबसे मनमोहक भजन: तेरी जय हो गणेश

देवन जबहीं जाय पुकारा ।
तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥

किया उपद्रव तारक भारी ।
देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥

तुरत षडानन आप पठायउ ।
लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥

आप जलंधर असुर संहारा ।
सुयश तुम्हार विदित संसारा ॥ 12

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई ।
सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥

किया तपहिं भागीरथ भारी ।
पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥

दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं ।
सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥

वेद नाम महिमा तव गाई।
अकथ अनादि भेद नहिं पाई ॥ 16

हनुमान जी की सबसे मधुर आरती: हनुमान आरती

प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला ।
जरत सुरासुर भए विहाला ॥

कीन्ही दया तहं करी सहाई ।
नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥

पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा ।
जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥

सहस कमल में हो रहे धारी ।
कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ॥ 20

एक कमल प्रभु राखेउ जोई ।
कमल नयन पूजन चहं सोई ॥

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर ।
भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥

जय जय जय अनन्त अविनाशी ।
करत कृपा सब के घटवासी ॥

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै ।
भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै ॥ 24

श्याम की बंशी की धुन: उड़ गई रे नींदिया मेरी, बंसी श्याम ने बजाई रे

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो ।
येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो ।
संकट से मोहि आन उबारो ॥

मात-पिता भ्राता सब होई ।
संकट में पूछत नहिं कोई ॥

स्वामी एक है आस तुम्हारी ।
आय हरहु मम संकट भारी ॥ 28

माँ लक्ष्मी जी का स्तोत्र : अष्टलक्ष्मी स्तोत्रं

धन निर्धन को देत सदा हीं ।
जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥

अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी ।
क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥

शंकर हो संकट के नाशन ।
मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं ।
शारद नारद शीश नवावैं ॥ 32

इस भजन से मिलती है मन को शांति: दुनिया चले न श्री राम के बिना

नमो नमो जय नमः शिवाय ।
सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥

जो यह पाठ करे मन लाई ।
ता पर होत है शम्भु सहाई ॥

ॠनियां जो कोई हो अधिकारी ।
पाठ करे सो पावन हारी ॥

पुत्र हीन कर इच्छा जोई ।
निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥ 36

मन को मोह लेने वाला भजन: जय शम्भु जय जय शम्भू

पण्डित त्रयोदशी को लावे ।
ध्यान पूर्वक होम करावे ॥

त्रयोदशी व्रत करै हमेशा ।
ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे ।
शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥

जन्म जन्म के पाप नसावे ।
अन्त धाम शिवपुर में पावे ॥ 40

कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी ।
जानि सकल दुःख हरहु हमारी ॥

 

Shiv Chalisa

॥ Doha ॥
Jai Ganesh Girija Suvan Mangal Mul Sujan।
Kahat Ayodhya Das Tum Dev Abhaya Varadan ॥

॥ Chaupai ॥
Jai Girija Pati Dinadayala। Sada Karat Santan Pratipala ॥
Bhala Chandrama Sohat Nike Kanan। Kundal Nagaphani Ke ॥

Anga Gaur Shira Ganga Bahaye। Mundamala Tan Chhara Lagaye ॥
Vastra Khala Baghambar Sohain Chhavi। Ko Dekha Naga Muni Mohain ॥

The most adorable hymn of Ganesha: Teri Jai Ho Ganesh

Maina Matu Ki Havai Dulari। Vama Anga Sohat Chhavi Nyari ॥
Kara Trishul Sohat Chhavi Bhari Karat। Sada Shatrun Chhayakari ॥

Nandi Ganesh Sohain Tahan Kaise। Sagar Madhya Kamal Hain Jaise ॥
Kartik Shyam Aur Ganara-U Ya Chhavi। Ko Kahi Jata Na Kauo ॥

Devan Jabahi Jaya Pukara। Tabahi Dukha Prabhu Apa Nivara ॥
Kiya Upadrav Tarak Bhari Devan Sab Mili। Tumahi Juhari ॥

Turata Shadanana Apa Pathayau। Lava-Ni-Mesh Mahan Mari Girayau ॥
Apa Jalandhara Asura Sanhara Suyash। Tumhara Vidit Sansara ॥

Sweetest Aarti of Hanuman ji: Hanuman Aarti

Tripurasur Sana Yudha Machayi। Sabhi Kripakar Lina Bachayi ॥
Kiya Tapahin Bhagiratha Bhari Purva। Pratigya Tasu Purari ॥

Danin Mahan Tum Sama Kou Nahin। Sevak Astuti Karat Sadahin ॥
Veda Nam Mahima Tab Gayaee Akatha। Anandi Bhed Nahin Payee ॥

Pragate Udadhi Mantan Men Jvala। Jarat Sura-Sur Bhaye Vihala ॥
Kinha Daya Tahan Kari Sahayee। Nilakantha Tab Nam Kahayee ॥

Pujan Ramchandra Jab Kinha। Jiti Ke Lanka Vibhishan Dinhi ॥
Sahas Kamal Men Ho Rahe Dhari Kinha। Pariksha Tabahin Purari ॥

Tune of Shyam's Banshi: Ud Gayi Re Nindiya Meri Bansi Shyam Ne Bajai Re

Ek Kamal Prabhu Rakheu Joi। Kushal-Nain Pujan Chaha Soi ॥
Kathin Bhakti Dekhi Prabhu Shankar। Bhaye Prasanna Diye-Ichchhit Var ॥

Jai Jai Jai Anant Avinashi। Karat Kripa Sabake Ghat Vasi ॥
Dushta Sakal Nit Mohin Satavai। Bhramat Rahe Mohin Chain Na Avai ॥

Trahi-Trahi Main Nath Pukaro। Yahi Avasar Mohi Ana Ubaro ॥
Lai Trishul Shatrun Ko Maro। Sankat Se Mohin Ana Ubaro ॥

Mata Pita Bhrata Sab Hoi। Sankat Men Puchhat Nahin Koi ॥
Svami Ek Hai Asha Tumhari। Ava Harahu Aba Sankat Bhari ॥

Stotra of Mother Lakshmi: Ashtalakshmi Stotram

Dhan Nirdhan Ko Deta Sadahin। Jo Koi Janche So Phal Pahin ॥
Astuti Kehi Vidhi Karai Tumhari। Kshamahu Nath Aba Chuka Hamari ॥

Shankar Ho Sankat Ke Nishan। Vighna Vinashan Mangal Karan ॥
Yogi Yati Muni Dhyan Lagavan। Sharad Narad Shisha Navavain ॥

Namo Namo Jai Namah Shivaya। Sura Brahmadik Par Na Paya ॥
Jo Yah Patha Karai Man Lai। Tapar Hota Hai Shambhu Sahayee ॥

Riniyan Jo Koi Ho Adhikari। Patha Karai So Pavan Hari ॥
Putra-hin Ichchha Kar Koi। Nischaya Shiva Prasad Tehin Hoi ॥

This hymn gives peace to the mind: Duniya Chale Na Shri Ram Ke Bina

Pandit Trayodashi Ko Lavai। Dhyan-Purvak Homa Karavai ॥
Trayodashi Vrat Kare Hamesha। Tan Nahin Take Rahe Kalesha ॥

Dhupa Dipa Naivedya Charhavai। Anta Vasa Shivapur Men Pavai ॥
Kahai Ayodhya Asha Tumhari। Jani Sakal Dukha Harahu Hamari ॥

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