Current Date: 22 Nov, 2024

शीश गंग अर्धंग पार्वती (Sheesh Gang Ardhang Parvati)

- Traditional


शीश गंग अर्धंग पार्वती हिंदी में (Sheesh Gang Ardhang Parvati in hindi)

शीश गंग अर्धंग पार्वती,
सदा विराजत कैलासी ।
नंदी भृंगी नृत्य करत हैं,
धरत ध्यान सुर सुखरासी ॥

शीतल मन्द सुगन्ध पवन,
बह बैठे हैं शिव अविनाशी ।
करत गान-गन्धर्व सप्त स्वर,
राग रागिनी मधुरासी ॥

यक्ष-रक्ष-भैरव जहँ डोलत,
बोलत हैं वनके वासी ।
कोयल शब्द सुनावत सुन्दर,
भ्रमर करत हैं गुंजा-सी ॥

लक्खा जी का सुपरहिट भजन: शिव शंकर डमरू वाले

कल्पद्रुम अरु पारिजात तरु,
लाग रहे हैं लक्षासी ।
कामधेनु कोटिन जहँ डोलत,
करत दुग्ध की वर्षा-सी ॥

सूर्यकान्त सम पर्वत शोभित,
चन्द्रकान्त सम हिमराशी ।
नित्य छहों ऋतु रहत सुशोभित,
सेवत सदा प्रकृति दासी ॥

ऋषि मुनि देव दनुज नित सेवत,
गान करत श्रुति गुणराशी ।
ब्रह्मा, विष्णु निहारत निसिदिन,
कछु शिव हमकूँ फरमासी ॥

ऋद्धि-सिद्धि के दाता शंकर,
नित सत् चित् आनन्दराशी ।
जिनके सुमिरत ही कट जाती,
कठिन काल यमकी फांसी ॥

भोले जी का सबसे मनमोहक भजन: सज रहे भोले बाबा

त्रिशूलधरजी का नाम निरन्तर,
प्रेम सहित जो नर गासी ।
दूर होय विपदा उस नर की,
जन्म-जन्म शिवपद पासी ॥

कैलासी काशी के वासी,
विनाशी मेरी सुध लीजो ।
सेवक जान सदा चरनन को,
अपनो जान कृपा कीजो ॥

तुम तो प्रभुजी सदा दयामय,
अवगुण मेरे सब ढकियो ।
सब अपराध क्षमाकर शंकर,
किंकर की विनती सुनियो ॥

शीश गंग अर्धंग पार्वती,
सदा विराजत कैलासी ।
नंदी भृंगी नृत्य करत हैं,
धरत ध्यान सुर सुखरासी ॥

 

शीश गंग अर्धंग पार्वती अंग्रेजी में (Sheesh Gang Ardhang Parvati in english)

Sheesh Gang Ardhang Parvati,
Sada Virajat Kailasi ।
Nandi Bhrngi Nrty Karat Hain,
Dharat Dhyan Sur Sukhrasi ॥

Sheetal Mand Sugandh Pavan,
Bah Baithe Hain Shiv Avinashi ।
Karat Gaan-gandharv Sapt Swar,
Raag Ragini Madhurasi ॥

Yaksh-raksh-bhairav Jahan Dolat,
Bolat Hain Vanke Vasi ।
Koyal Shabd Sunavat Sundar,
Bhramar Karat Hain Gunja-si ॥

Lakkha ji's superhit hymn: Shiv Shankar Damru Wale

Kalpadrum Aru Parijaat Taru,
Laag Rahe Hain Lakshasi ।
Kamadhenu Kotin Jahan Dolat,
Karat Dugdh Ki Varsha-si ॥

Suryakant Sam Parvat Shobhit,
Chandrakant Sam Himrashi ।
Nitya Chhahon Rtu Rahat Sushobhit,
Sevat Sada Prakrti Dasi ॥

Rishi Muni Dev Danuj Nit Sevat,
Gaan Karat Shruti Gunrashi ।
Brahma, Vishnu Niharat Nisidin,
Kachhu Shiv Hamkun Pharmasi ॥

Rddhi-siddhi Ke Data Shankar,
Nit Sat Chit Aanandrashi ।
Jinke Sumirat Hi Kat Jati,
Kathin Kaal Yamki Phansi ॥

The most adorable hymn of Bhole ji: Saj Rahe Bhole Baba

Trishuldharaji Ka Naam Nirantar,
Prem Sahit Jo Nar Gasi ।
Door Hoy Vipda Us Nar Ki,
Janm-janm Shivpad Paasi ॥

Kailasi Kashi Ke Vasi,
Vinashi Meri Sudh Lijo ।
Sevak Jaan Sada Charanan Ko,
Apno Jaan Kripa Kijo ॥

Tum to Prabhuji Sada Dayamay,
Avagun Mere Sab Dhakiyo ।
Sab Apradh Kshamakar Shankar,
Kinkar Ki Vinati Suniyo ॥

Sheesh Gang Ardhang Parvati,
Sada Virajat Kailasi ।
Nandi Bhrngi Nrty Karat Hain,
Dharat Dhyan Sur Sukhrasi ॥

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