प्रेम सदा भरपूर रहे शनिदेव के चरणों में
करे अर्जी मेरी मंजूर मेरे शनिदेव के चरणों में
१
हरपल मुझको तेरा ध्यान रहे तन अर्पित सब निज कर्मो में
मन ध्यान तुम्ही में मगन रहे बस सेवा तुम्हारे चरणों में
यही जीवन का है मोल समझ लेना तेरे चरणों में
प्रेम सदा भरपूर रहे शनिदेव के चरणों में
करे अर्जी मेरी मंजूर मेरे शनिदेव के चरणों में
२
दूर दूर से दुखिया आते है और शीश यहाँ पे झुकाते है
कोई मांग रहा खुशियों के पल सब यहाँ आपके चरणों में
कष्टों को करना दूर बड़ा मजबूर तेरे चरणों में
प्रेम सदा भरपूर रहे शनिदेव के चरणों में
करे अर्जी मेरी मंजूर मेरे शनिदेव के चरणों में
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