Current Date: 17 Nov, 2024

शम्भु स्तुति

- Avinash Karn


कोरस :-     आ आ आ आ आ हम्म  हम्म  
M:-    नमामि शम्भुं पुरुषं पुराणं
    नमामि सर्वज्ञमपारभावम् ।
    नमामि रुद्रं प्रभुमक्षयं तं
    नमामि शर्वं शिरसा नमामि 
    नमामि शर्वं शिरसा नमामि 

M:-    नमामि देवं परमव्ययंतं
    उमापतिं लोकगुरुं नमामि ।
    नमामि दारिद्रविदारणं तं
    नमामि रोगापहरं नमामि
    नमामि रोगापहरं नमामि

M:-    नमामि कल्याणमचिन्त्यरूपं
    नमामि विश्वोद्ध्वबीजरूपम् ।
    नमामि विश्वस्थितिकारणं तं
    नमामि संहारकरं नमामि 
    नमामि संहारकरं नमामि 

M:-    नमामि गौरीप्रियमव्ययं तं
    नमामि नित्यंक्षरमक्षरं तम् ।
    नमामि चिद्रूपममेयभावं
    त्रिलोचनं तं शिरसा नमामि
    त्रिलोचनं तं शिरसा नमामि
कोरस :-     आ आ आ आ आ हम्म  हम्म  

M:-    नमामि कारुण्यकरं भवस्या
    भयंकरं वापि सदा नमामि ।
    नमामि दातारमभीप्सितानां
    नमामि सोमेशमुमेशमादौ
    नमामि सोमेशमुमेशमादौ

M:-    नमामि वेदत्रयलोचनं तं
    नमामि मूर्तित्रयवर्जितं तम् ।
    नमामि पुण्यं सदसद्व्यातीतं
    नमामि तं पापहरं नमामि
    नमामि तं पापहरं नमामि

M:-    नमामि विश्वस्य हिते रतं तं
    नमामि रूपापि बहुनि धत्ते ।
    यो विश्वगोप्ता सदसत्प्रणेता
    नमामि तं विश्वपतिं नमामि
    नमामि तं विश्वपतिं नमामि

M:-    यज्ञेश्वरं सम्प्रति हव्यकव्यं
    तथागतिं लोकसदाशिवो यः ।
    आराधितो यश्च ददाति सर्वं
    नमामि दानप्रियमिष्टदेवम्
    नमामि दानप्रियमिष्टदेवम्
कोरस :-     आ आ आ आ आ हम्म  हम्म  

M:-    नमामि सोमेश्वरंस्वतन्त्रं
    उमापतिं तं विजयं नमामि ।
    नमामि विघ्नेश्वरनन्दिनाथं
    पुत्रप्रियं तं शिरसा नमामि
    पुत्रप्रियं तं शिरसा नमामि
    
M:-    नमामि देवं भवदुःखशोक
    विनाशनं चन्द्रधरं नमामि ।
    नमामि गंगाधरमीशमीड्यं
    उमाधवं देववरं नमामि 
    उमाधवं देववरं नमामि 
    
M:-    नमाम्यजादीशपुरन्दरादि
    सुरासुरैरर्चितपादपद्मम् ।
    नमामि देवीमुखवादनानां
    ईक्षार्थमक्षित्रितयं य ऐच्छत्
    ईक्षार्थमक्षित्रितयं य ऐच्छत्

M:-    पंचामृतैर्गन्धसुधूपदीपैः
    विचित्रपुष्पैर्विविधैश्च मन्त्रैः ।
    अन्नप्रकारैः सकलोपचारैः
    सम्पूजितं सोममहं नमामि
    सम्पूजितं सोममहं नमामि

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