Current Date: 18 Dec, 2024

सावन स्पेशल अनुराधा पौडवाल और गुलशन कुमार शिव भजन (Sawan Special Anuradha Paudwal & Gulshan Kumar shiv bhajan)

- Anuradha Paudwal


सावन स्पेशल अनुराधा पौडवाल और गुलशन कुमार शिव भजन (Sawan Special Anuradha Paudwal & Gulshan Kumar shiv bhajan)

1. हे शम्भू बाबा मेरे भोले नाथ

2. शिव शंकर को जिसने पूजा

3. सुबह सुबह ले शिव का नाम

4. हे भोले शंकर पधारो

5. चलो शिव शंकर के मंदिर में भक्तो

6. ज्योर्तिर्लिंग का ध्यान करो

7. चलो भोले बाबा के द्वारे

8. महादेव शंकर हैं जग से निराले

9. शिव चालीसा

10. ॐ जय जगदीश हरे

हे शम्भू बाबा मेरे भोले नाथ (Hey Shambhu Baba Mere Bhole Nath)

शिव नाम से है,

जगत में उजाला ।

हरी भक्तो के है,

मन में शिवाला ॥

लक्खा जी का सुपरहिट भजन: शिव शंकर डमरू वाले

हे शम्भू बाबा मेरे भोले नाथ,

तीनो लोक में तू ही तू ।

श्रद्धा सुमन मेरा,

मन बेलपत्री,

जीवन भी अर्पण कर दूँ ॥

 

जग का स्वामी है तू,

अंतरयामी है तू,

मेरे जीवन की,

अनमिट कहानी है तू ।

तेरी शक्ति अपार,

तेरा पावन है द्वार,

तेरी पूजा ही,

मेरा जीवन आधार ।

धुल तेरे चरणों की ले कर,

जीवन को साकार किया ॥

॥ हे शम्भू बाबा...॥

 

मन में है कामना,

कुछ मैं और जानू ना,

ज़िन्दगी भर करू,

तेरी आराधना।

सुख की पहचान दे,

तू मुझे ज्ञान दे,

प्रेम सब से करूँ,

ऐसा वरदान दे ।

तुने दिया बल निर्बल को,

अज्ञानी को ज्ञान दिया ॥

॥ हे शम्भू बाबा...॥

भोले जी का सबसे मनमोहक भजन: सज रहे भोले बाबा

हे शम्भू बाबा मेरे भोले नाथ,

तीनो लोक में तू ही तू।

श्रद्धा सुमन मेरा,

मन बेलपत्री,

जीवन भी अर्पण कर दूँ॥

शिव शंकर को जिसने पूजा (Shiv Shankar Ko Jisne Pooja)

शिव शंकर को जिसने पूजा,

उसका ही उद्धार हुआ ।

अंत काल को भवसागर में,

उसका बेडा पार हुआ ॥

सबसे सुन्दर भजन: डम डम डमरू बाजे

भोले शंकर की पूजा करो,

ध्यान चरणों में इसके धरो ।

हर हर महादेव शिव शम्भू,

हर हर महादेव शिव शम्भू ।

हर हर महादेव शिव शम्भू...

 

डमरू वाला है जग में दयालु बड़ा

दीन दुखियों का देता जगत का पिता ॥

सब पे करता है ये भोला शंकर दया

सबको देता है ये आसरा ॥

 

इन पावन चरणों में अर्पण,

आकर जो इक बार हुआ,

अंतकाल को भवसागर में,

उसका बेडा पार हुआ,

हर हर महादेव शिव शम्भू,

हर हर महादेव शिव शम्भू ।

हर हर महादेव शिव शम्भू...

 

नाम ऊँचा है सबसे महादेव का,

वंदना इसकी करते है सब देवता ।

इसकी पूजा से वरदान पातें हैं सब,

शक्ति का दान पातें हैं सब।

 

नाथ असुर प्राणी सब पर ही,

भोले का उपकार हुआ ।

अंत काल को भवसागर में,

उसका बेडा पार हुआ॥

 

शिव शंकर को जिसने पूजा,

उसका ही उद्धार हुआ ।

अंत काल को भवसागर में,

उसका बेडा पार हुआ ॥

मन को मोह लेने वाला भजन: जय शम्भु जय जय शम्भू

भोले शंकर की पूजा करो,

ध्यान चरणों में इसके धरो ।

हर हर महादेव शिव शम्भू,

हर हर महादेव शिव शम्भू ।

हर हर महादेव शिव शम्भू...

सुबह सुबह ले शिव का नाम (Subah Subah Le Shiv Ka Naam)

सुबह सुबह ले शिव का नाम,

कर ले बन्दे यह शुभ काम ।

सुबह सुबह ले शिव का नाम,

शिव आयेंगे तेरे काम ॥

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय...

हंसराज रघुवंशी का सबसे मनमोहक भजन: गौरी शंकर

खुद को राख लपेटे फिरते,

औरों को देते धन धाम ।

देवो के हित विष पी डाला,

नीलकंठ को कोटि प्रणाम ॥

॥ सुबह सुबह ले शिव...॥

 

शिव के चरणों में मिलते है,

सारी तीरथ चारो धाम ।

करनी का सुख तेरे हाथों,

शिव के हाथों में परिणाम ॥

॥ सुबह सुबह ले शिव...॥

 

शिव के रहते कैसी चिंता,

साथ रहे प्रभु आठों याम ।

शिव को भजले सुख पायेगा,

मन को आएगा आराम ॥

॥ सुबह सुबह ले शिव...॥

भोले बाबा से प्रार्थना: आया हूँ भोले मैं तेरे द्वार

सुबह सुबह ले शिव का नाम,

कर ले बन्दे यह शुभ काम ।

सुबह सुबह ले शिव का नाम,

शिव आयेंगे तेरे काम ॥

हे भोले शंकर पधारो (Hey Bhole Shankar Padharo)

हे भोले शंकर पधारो हे भोले शम्भू पधारो

बैठे छिप के कहाँ जटा धारी पधारो

बैठे छिप के कहाँ, गंगा जटा में तुम्हारी

गंगा जटा में तुम्हारी, हम प्यासे यहाँ ॥

महा सती के पति मेरी सुनो वंदना ।

हे भोले शंकर पधारो बैठे छिप के कहाँ

आओ मुक्ति के दाता पड़ा संकट यहाँ ॥

महा सती के पति बोलो छुपे हो कहाँ हे॥

भोले शंकर पधारो ॥

शिव : नमस्काराथा मंत्र

बगीरथ को गंगा प्रभु तुमने दी थी,

सगर जी के पुत्रों को मुक्ति मिली थी ।

इच्छा तुम्हारी बिना कुछ भी नहीं होता ॥

हे भोले शम्भू पधारो हे गौरी शंकर पधारो

किस ने रोके वहां,आयो भसम रमयिया

सब को तज के यहाँ सब को तज के यहाँ ॥

भोले शंकर पधारो ॥

 

मेरी तपस्या का फल चाहे लेलो,

गंगा जल अब अपने भक्तो को दे दो ।

प्राण पखेरू कहीं प्यासा उड़ जाए ना,

कोई तेरी करुना पे उंगली उठाए ना ॥

भिक्षा मैं मांगू जन कल्याण की,

भिक्षा मैं मांगू जन कल्याण की,

इच्छा करो पूरी गंगा स्नान की ॥

अब ना देर करो, आके कष्ट हरो,

मेरी बात रख लो, मेरी लाज रख लो ॥

हे भोले गंगधर पधारो, हे भोले विषधर पधारो,

डोरी टूट जाए ना, मेरा जग में नहीं कोई

तेरे बिना मेरा जग में नहीं कोई तेरे बिना ॥

भोले शंकर पधारो ॥

हंसराज रघुवंशी का सबसे मनमोहक भजन : पार्वती बोली शंकर से

नंदी की सौगंध तुमे, वास्ता कैलाश का,

बुझ ना देना दीया मेरे विशवास का ।

पूरी यदि आज ना हुई मनोकामना,

फिर दीनबंधू होगा तेरा नाम ना ।

भोले नाथ पधारो, उमा नाथ पधारो

तुमने तारा जहां,आओ महा सन्यासी

अब तो आ जाओ ना आओ महा सन्यासी अब तो आ जाओ ना ॥

भोले शंकर पधारो ॥

चलो शिव शंकर के मंदिर में भक्तो (Chalo Shiv Shankar Ke Mandir Me Bhakto)

लिया नाम जिसने भी शिवजी का मन से,

उसे भोले शंकर ने अपना बनाया ।

खुले उस पे सब द्वार शिव की दया के,

जो श्रद्धा से भोले के मंदिर में आया ॥

हर हर हर महादेव की जय हो ।

शंकर शिव कैलाशपति की जय हो ॥

कालभैरव अष्टकम

चलो शिव शंकर के मंदिर में भक्तो,

शिव जी के चरणों में सर को झुकाए ।

करें अपने तन मन को गंगा सा पावन..2

जपें नाम शिव का भजन इनके गाएं ॥

 

चलो शिव शंकर के मंदिर में भक्तो

हर हर हर महादेव की जय हो ।..4

 

यह संसार झूठी माया का बंधन,

शिवालयमें मार्ग है मुक्ति का भक्तो ।

महादेव का नाम लेने से हर दिन,

मिलेगा हमें दान शक्ति का भक्तो ।

मिट्टी में मिट्टी की काया मिलेगी..2

चलो आत्मा को तो कुंदन बनाएं ॥

चलो शिव शंकर के मंदिर में भक्तो॥

 

कहीं भी नहीं अंत उस की दया का,

करें वंदना उस दयालु पिता की ।

हमें भी मिले छावं उसकी कृपा की,

हमे भी मिले भीख उसकी दया की ।

लगाकर समाधि करें शिव का सिमरन..2

यूँ सोये हुए भाग्य अपने जगाएं ॥

चलो शिव शंकर के मंदिर में भक्तो ॥

 

करें सब का कल्याण, कल्याणकारी,

भरे सबके भण्डार त्रिनेत्र धारी ।

कोई उसको जग में कमी ना रहेगी,

बनेगा जो तनमन से शिव का पुजारी ।

करे नाम लेकर सफल अपना जीवन..2

यह अनमोल जीवन यूँही ना गवाए ॥

 

चलो शिव शंकर के मंदिर में भक्तो

शिव जी के चरणों में सर को झुकाए ।

करें अपने तन मन को गंगा सा पावन..2

जपें नाम शिव का भजन इनके गाएं ॥

जुबिन नौटियाल का मधुर भजन : मेरे भोले नाथ

चलो शिव शंकर के मंदिर में भक्तो

हर हर हर महादेव की जय हो ।..4

ज्योर्तिर्लिंग का ध्यान करो (Jyotirling Ka Dhyan Karo)

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय…

लक्खा जी का सुपरहिट भजन: शिव शंकर डमरू वाले

शिव शंकर का गुनगन करो

शिव भक्ति का रसपान करो

जीवन ज्योतिर्मय हो जाय

ज्योतिर्लिंगो का ध्यान करो

शिव शंकर का गुनगान करो

 

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय…

 

उसने ही जगत बनया है

कान कान में वही समाने हैं

उसने ही जगत बनया है

कान कान में वही समाने हैं

दुक्ख सुख सुख हर लेगा

सर बराबर जब शिव का है

बोलो हर हर हर महादेव

हर मुशकिल को आसन करो

शिव शंकर का गुनगान करो

 

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय…

 

शंकर तो है अन्तर्यामी

भक्तो के लिए सखा से है

शंकर तो हैं अन्तर्यामी

भक्तो के लिए सखा से है

भगवान भाव के भूखे हैं

भगवान प्रेम के प्यासे हैं

मन के मंदिर में इसीलिए

शिव मंदिर का निर्मण करो

शिव शंकर का गुनगान करो

 

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय…

 

शिव शंकर का गुनगन करो

शिव भक्ति का रसपान करो

जीवन ज्योतिर्मय हो जाय

ज्योर्तिर्लिंग का ध्यान करो

शिव शंकर का गुनगान करो

भोले जी का सबसे मनमोहक भजन: सज रहे भोले बाबा

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय…

चलो भोले बाबा के द्वारे (Chalo Bhole Baba Ke Dware)

चलो भोले बाबा के द्वारे,

सब दुःख कटेंगे तुम्हारे,

भोले बाबा भोले बाबा,

भोले बाबा भोले बाबा,

भोले बाबा भोले बाबा,

चलों भोले बाबा के द्वारे,

सब दुःख कटेंगे तुम्हारे ॥

सबसे सुन्दर भजन: डम डम डमरू बाजे

चढ़ा एक शिकारी देखो,

बिल्व वृक्ष पर,

करने को वो शिकार,

शिव चौदस की पावन,

वह रात थी,

अनजाने में हुआ,

प्रहर पूजा संस्कार,

हुए बाबा प्रकट,

बोले मांगो वरदान,

दर्शन कर शिकारी को,

हो आया वैराग्य ज्ञान,

करबद्ध कर वो बोला,

हरी ॐ हरी ॐ,

हरी ॐ हरी ॐ,

करबद्ध कर वो बोला,

दो मुझे भक्ति वरदान,

बने बाबा उसके सहारे,

सब दुःख कटेंगे तुम्हारे,

चलों भोले बाबा के द्वारे,

सब दुःख कटेंगे तुम्हारे ॥

 

पाप आचार के कारण कष्ट सहे,

कन्या स्वामिनी ने,

भिक्षा मांगती वो पहुंची,

गोकर्ण में,

मिला बिल्व पत्र उसे,

भिक्षा के रूप में,

बिल्व पत्र अनजाने में,

फेंका शिवलिंग पे,

पुण्य शिवरात्रि व्रत का,

ऐसे पाया उसने,

महिमा से शिव की,

हरी ॐ हरी ॐ,

हरी ॐ हरी ॐ,

महिमा से शिव की,

मोक्ष पाया उसने,

बने बाबा उसके सहारे,

सब दुःख कटेंगे तुम्हारे,

चलों भोले बाबा के द्वारे,

सब दुःख कटेंगे तुम्हारे ॥

मन को मोह लेने वाला भजन: जय शम्भु जय जय शम्भू

चलो भोले बाबा के द्वारे,

सब दुःख कटेंगे तुम्हारे,

भोले बाबा भोले बाबा,

भोले बाबा भोले बाबा,

भोले बाबा भोले बाबा,

चलों भोले बाबा के द्वारे,

सब दुःख कटेंगे तुम्हारे ॥

महादेव शंकर हैं जग से निराले (Mahadev Shankar Hain Jag Se Nirale)

महादेव शंकर हैं जग से निराले,

बड़े सीधे साधे बड़े भोले भाले ।

मेरे मन के मदिर में रहते हैं शिव जी,

यह मेरे नयन हैं उन्हीं के शिवालय ॥

बनालो उन्हें अपने जीवन की आशा,

सदा दूर तुमसे रहेगी निराशा ।

बिना मांगे वरदान तुमको मिलेगा,

समझते हैं वो तो हरेक मन की भाषा ॥

वो उनके हैं जो उनको अपना बनाले..॥

हंसराज रघुवंशी का सबसे मनमोहक भजन: गौरी शंकर

महादेव शंकर हैं जग से निराले,

बड़े सीधे साधे बड़े भोले भाले ॥

 

जिधर देखो शिव की है महिमा निराली,

ये दाता है और सारी दुनिया सवाली ।

जो इस द्वार पे अपना विशवास कर ले,

तो पल भर में भर जायेगी झोली खाली ॥

उनही के अँधेरे, उनही के उजाले..॥

 

महादेव शंकर हैं जग से निराले,

बड़े सीधे साधे बड़े भोले भाले ।

मेरे मन के मदिर में रहते हैं शिव जी,

यह मेरे नयन हैं उन्हीं के शिवालय ॥

शिव चालीसा (Shiv Chalisa)

॥ दोहा ॥

जय गणेश गिरिजा सुवन,

मंगल मूल सुजान ।

कहत अयोध्यादास तुम,

देहु अभय वरदान ॥

भोले बाबा से प्रार्थना: आया हूँ भोले मैं तेरे द्वार

॥ चौपाई ॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला ।

सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥

 

भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।

कानन कुण्डल नागफनी के ॥

 

अंग गौर शिर गंग बहाये ।

मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥

 

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे ।

छवि को देखि नाग मन मोहे ॥ 4

 

मैना मातु की हवे दुलारी ।

बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥

 

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी ।

करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥

 

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे ।

सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥

 

कार्तिक श्याम और गणराऊ ।

या छवि को कहि जात न काऊ ॥ 8

 

देवन जबहीं जाय पुकारा ।

तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥

 

किया उपद्रव तारक भारी ।

देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥

 

तुरत षडानन आप पठायउ ।

लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥

 

आप जलंधर असुर संहारा ।

सुयश तुम्हार विदित संसारा ॥ 12

 

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई ।

सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥

 

किया तपहिं भागीरथ भारी ।

पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥

 

दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं ।

सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥

 

वेद नाम महिमा तव गाई।

अकथ अनादि भेद नहिं पाई ॥ 16

 

प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला ।

जरत सुरासुर भए विहाला ॥

 

कीन्ही दया तहं करी सहाई ।

नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥

 

पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा ।

जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥

 

सहस कमल में हो रहे धारी ।

कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ॥ 20

 

एक कमल प्रभु राखेउ जोई ।

कमल नयन पूजन चहं सोई ॥

 

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर ।

भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥

 

जय जय जय अनन्त अविनाशी ।

करत कृपा सब के घटवासी ॥

 

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै ।

भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै ॥ 24

 

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो ।

येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥

 

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो ।

संकट से मोहि आन उबारो ॥

 

मात-पिता भ्राता सब होई ।

संकट में पूछत नहिं कोई ॥

 

स्वामी एक है आस तुम्हारी ।

आय हरहु मम संकट भारी ॥ 28

 

धन निर्धन को देत सदा हीं ।

जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥

 

अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी ।

क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥

 

शंकर हो संकट के नाशन ।

मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥

 

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं ।

शारद नारद शीश नवावैं ॥ 32

 

नमो नमो जय नमः शिवाय ।

सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥

 

जो यह पाठ करे मन लाई ।

ता पर होत है शम्भु सहाई ॥

 

ॠनियां जो कोई हो अधिकारी ।

पाठ करे सो पावन हारी ॥

 

पुत्र हीन कर इच्छा जोई ।

निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥ 36

 

पण्डित त्रयोदशी को लावे ।

ध्यान पूर्वक होम करावे ॥

 

त्रयोदशी व्रत करै हमेशा ।

ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥

 

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे ।

शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥

 

जन्म जन्म के पाप नसावे ।

अन्त धाम शिवपुर में पावे ॥ 40

 

कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी ।

जानि सकल दुःख हरहु हमारी ॥

 

॥ दोहा ॥

नित्त नेम कर प्रातः ही,

पाठ करौं चालीसा ।

तुम मेरी मनोकामना,

पूर्ण करो जगदीश ॥

शिव : नमस्काराथा मंत्र

मगसर छठि हेमन्त ॠतु,

संवत चौसठ जान ।

अस्तुति चालीसा शिवहि,

पूर्ण कीन कल्याण ॥

ॐ जय जगदीश हरे (Om Jai Jagdish Hare)

ॐ जय जगदीश हरे,

स्वामी जय जगदीश हरे ।

भक्त जनों के संकट,

दास जनों के संकट,

क्षण में दूर करे ॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

हंसराज रघुवंशी का सबसे मनमोहक भजन : पार्वती बोली शंकर से

जो ध्यावे फल पावे,

दुःख बिनसे मन का,

स्वामी दुःख बिनसे मन का ।

सुख सम्पति घर आवे,

सुख सम्पति घर आवे,

कष्ट मिटे तन का ॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

 

मात पिता तुम मेरे,

शरण गहूं किसकी,

स्वामी शरण गहूं मैं किसकी ।

तुम बिन और न दूजा,

तुम बिन और न दूजा,

आस करूं मैं जिसकी ॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

 

तुम पूरण परमात्मा,

तुम अन्तर्यामी,

स्वामी तुम अन्तर्यामी ।

पारब्रह्म परमेश्वर,

पारब्रह्म परमेश्वर,

तुम सब के स्वामी ॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

 

तुम करुणा के सागर,

तुम पालनकर्ता,

स्वामी तुम पालनकर्ता ।

मैं मूरख फलकामी,

मैं सेवक तुम स्वामी,

कृपा करो भर्ता॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

 

तुम हो एक अगोचर,

सबके प्राणपति,

स्वामी सबके प्राणपति ।

किस विधि मिलूं दयामय,

किस विधि मिलूं दयामय,

तुमको मैं कुमति ॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

 

दीन-बन्धु दुःख-हर्ता,

ठाकुर तुम मेरे,

स्वामी रक्षक तुम मेरे ।

अपने हाथ उठाओ,

अपने शरण लगाओ,

द्वार पड़ा तेरे ॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

 

विषय-विकार मिटाओ,

पाप हरो देवा,

स्वमी पाप(कष्ट) हरो देवा ।

श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,

श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,

सन्तन की सेवा ॥

कालभैरव अष्टकम

ॐ जय जगदीश हरे,

स्वामी जय जगदीश हरे ।

भक्त जनों के संकट,

दास जनों के संकट,

क्षण में दूर करे ॥

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