सांवरे इतना तो कह दे,
किससे जाकर हम कहें,
आपके होते कन्हैया,
दास क्यूँ दुखड़े सहें,
सांवरे इतना तो कह दे,
किससे जाकर हम कहें।।
तर्ज – देख लो आवाज देकर।
साँवरे मेरी तो केवल,
आपसे पहचान है,
लेना देना आपही से,
बस यही मुझे ज्ञान है,
आपने आँखें चुराई,
समझो फिर तो लूट गए।
साँवरे इतना तो कह दे,
किससे जाकर हम कहें।।
जानकर अनजान बैठे,
क्यूँ हमारे हाल पर,
आप तो ऐसे नहीं थे,
रूठे तो किस बात पर,
बेबसी ने सुध भुलाई,
दुखड़ो से बोझिल हुए।
साँवरे इतना तो कह दे,
किससे जाकर हम कहें।।
गर हुई गलती कन्हैया,
माफ़ कर मेरी खता,
ज़िन्दगी में दुःख बहुत है,
तू तो हमको ना सता,
बिन मेहर होगी बसर ना,
ज़िन्दगी कैसे जिये।
साँवरे इतना तो कह दे,
किससे जाकर हम कहें।।
गर हँसा हम पर जमाना,
कैसे तू बच पाएगा,
भक्त और भगवान का,
इतिहास लिखा जाएगा,
‘नन्दू’ कर कृपा दयालु,
आकर दामन थामले।
साँवरे इतना तो कह दे,
किससे जाकर हम कहें।।
सांवरे इतना तो कह दे,
किससे जाकर हम कहें,
आपके होते कन्हैया,
दास क्यूँ दुखड़े सहें,
सांवरे इतना तो कह दे,
किससे जाकर हम कहें।।
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