Current Date: 22 Nov, 2024

संतोषी माता चालीसा (Santoshi Mata Chalisa)

- Pamela Jain


संतोषी माता चालीसा हिंदी में (Santoshi Mata Chalisa in hindi)

॥ दोहा ॥

बन्दौं सन्तोषी चरण रिद्धि-सिद्धि दातार ।

ध्यान धरत ही होत नर दुःख सागर से पार ॥

 

भक्तन को सन्तोष दे सन्तोषी तव नाम ।

कृपा करहु जगदम्ब अब आया तेरे धाम ॥

माता रानी का सुपरहिट भजन: चाहे सुख पाऊँ मैं

॥ चौपाई ॥

जय सन्तोषी मात अनूपम ।

शान्ति दायिनी रूप मनोरम ॥

 

सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा ।

वेश मनोहर ललित अनुपा ॥

 

श्‍वेताम्बर रूप मनहारी ।

माँ तुम्हारी छवि जग से न्यारी ॥

 

दिव्य स्वरूपा आयत लोचन ।

दर्शन से हो संकट मोचन ॥ 4 ॥

 

जय गणेश की सुता भवानी ।

रिद्धि- सिद्धि की पुत्री ज्ञानी ॥

 

अगम अगोचर तुम्हरी माया ।

सब पर करो कृपा की छाया ॥

सबसे अद्भुत भजन: अगर ना गया तू मंदिर

नाम अनेक तुम्हारे माता ।

अखिल विश्‍व है तुमको ध्याता ॥

 

तुमने रूप अनेकों धारे ।

को कहि सके चरित्र तुम्हारे ॥ 8 ॥

 

धाम अनेक कहाँ तक कहिये ।

सुमिरन तब करके सुख लहिये ॥

 

विन्ध्याचल में विन्ध्यवासिनी ।

कोटेश्वर सरस्वती सुहासिनी ॥

 

कलकत्ते में तू ही काली ।

दुष्ट नाशिनी महाकराली ॥

 

सम्बल पुर बहुचरा कहाती ।

भक्तजनों का दुःख मिटाती ॥ 12 ॥

सबसे जयदा लाभदायक भजन:मेरी मैया शेरावालिये

ज्वाला जी में ज्वाला देवी ।

पूजत नित्य भक्त जन सेवी ॥

 

नगर बम्बई की महारानी ।

महा लक्ष्मी तुम कल्याणी ॥

 

मदुरा में मीनाक्षी तुम हो ।

सुख दुख सबकी साक्षी तुम हो ॥

 

राजनगर में तुम जगदम्बे ।

बनी भद्रकाली तुम अम्बे ॥ 16 ॥

 

पावागढ़ में दुर्गा माता ।

अखिल विश्‍व तेरा यश गाता ॥

 

काशी पुराधीश्‍वरी माता ।

अन्नपूर्णा नाम सुहाता ॥

सीखा बघेल जी का सबसे सुंदर भजन: माँ के भुवन में उड़ रही धूल

सर्वानन्द करो कल्याणी ।

तुम्हीं शारदा अमृत वाणी ॥

 

तुम्हरी महिमा जल में थल में ।

दुःख दारिद्र सब मेटो पल में ॥ 20 ॥

 

जेते ऋषि और मुनीशा ।

नारद देव और देवेशा ।

 

इस जगती के नर और नारी ।

ध्यान धरत हैं मात तुम्हारी ॥

 

जापर कृपा तुम्हारी होती ।

वह पाता भक्ति का मोती ॥

 

दुःख दारिद्र संकट मिट जाता ।

ध्यान तुम्हारा जो जन ध्याता ॥ 24 ॥

लक्खा जी का सबसे मधुर भजन: बिगड़ी मेरी बना दे

जो जन तुम्हरी महिमा गावै ।

ध्यान तुम्हारा कर सुख पावै ॥

 

जो मन राखे शुद्ध भावना ।

ताकी पूरण करो कामना ॥

 

कुमति निवारि सुमति की दात्री ।

जयति जयति माता जगधात्री ॥

 

शुक्रवार का दिवस सुहावन ।

जो व्रत करे तुम्हारा पावन ॥ 28 ॥

 

गुड़ छोले का भोग लगावै ।

कथा तुम्हारी सुने सुनावै ॥

 

विधिवत पूजा करे तुम्हारी ।

फिर प्रसाद पावे शुभकारी ॥

अम्बे माँ का सबसे सुन्दर भजन: जग में न कोई सच्चा माँ तू ही है

शक्ति-सामरथ हो जो धनको ।

दान-दक्षिणा दे विप्रन को ॥

 

वे जगती के नर औ नारी ।

मनवांछित फल पावें भारी ॥ 32 ॥

 

जो जन शरण तुम्हारी जावे ।

सो निश्‍चय भव से तर जावे ॥

 

तुम्हरो ध्यान कुमारी ध्यावे ।

निश्चय मनवांछित वर पावै ॥

 

सधवा पूजा करे तुम्हारी ।

अमर सुहागिन हो वह नारी ॥

 

विधवा धर के ध्यान तुम्हारा ।

भवसागर से उतरे पारा ॥ 36 ॥

माँ वैष्णो देवी का सबसे मनमोहक भजन: वैष्णो माँ का दर्शन करा दो

जयति जयति जय संकट हरणी ।

विघ्न विनाशन मंगल करनी ॥

 

हम पर संकट है अति भारी ।

वेगि खबर लो मात हमारी ॥

 

निशिदिन ध्यान तुम्हारो ध्याता ।

देह भक्ति वर हम को माता ॥

 

यह चालीसा जो नित गावे ।

सो भवसागर से तर जावे ॥ 40 ॥

 

॥ दोहा ॥

संतोषी माँ के सदा बंदहूँ पग निश वास ।

पूर्ण मनोरथ हो सकल मात हरौ भव त्रास ॥

॥ इति श्री संतोषी माता चालीसा ॥

 

संतोषी माता चालीसा अंग्रेजी में (Santoshi Mata Chalisa in english)

॥ Doha ॥

Bando Santoshi Charan,

Riddhi Siddhi Datar ।

Dhyan Dharat Hi Hott Nar,

Dukh Sagar Se Paar ॥

 

Bhaktan Ko Santosh De,

Santoshi Tav Nama ।

Kripa Karahu Agdamba,

Aab Aaya Tere Dham ॥

Superhit Bhajan of Mata Rani: Chahe Sukh Pau Main

॥ Chaupai ॥

Jai Santoshi Maat Anupam ।

Shanti Daayani Roop Manoram ॥

 

Sundar Varan Chaturbhuj Rupa ।

Vaish Manohar Lalit Anupa ॥

 

Shwetambar Roop Manhaari ।

Maa! Tumhari Chavi Jag Se Nayari ॥

 

Divy Swarup Aayat Lochan ।

Darshan Se Ho Sankat Mochan ॥ 4 ॥

 

Jai Ganesh Ki Suta Bhavani ।

Ridhi Sidhi Ki Putri Gyani ॥

 

Aagam Aagochar Tumhari Maya ।

Sab Par Karo Kripa Ki Chaya ॥

Most wonderful hymn: Agar Na Gaya Tu Mandir

Naam Aanek Tumharo Mata ।

Aakhil Vishv Hai Tumko Dhayata ॥

 

Tumne Roop Aaneko Dhare ।

Ko Kahi Sake Charitra Tumhare ॥ 8 ॥

 

Dham Aanek Kahan Tak Kahiye ।

Sumiran Tab Karke Sukh Lehiye ॥

 

Vindiyachal Mai Vindiyavasini ।

Koteshwar Saraswati Suhasini ॥

 

Kalkate Mai Tu Hi Kali ।

Dusht Nashini Mahakarali ॥

 

Samhal Pur Bahuchara Kahati ।

Bhaktjano Ka Dukh Mitati ॥ 12 ॥

Most beneficial hymn: Meri Maiya Sherawaliye

Jwala Ji Mai Jwala Devi ।

Pujat Nitay Bhakt Jan Savi ॥

 

Nagar Bambai Ki Maharani ।

Maha Lakshmi Tum Kalyani ॥

 

Madura Mai Meenakshi Tum Ho ।

Sukh-dukh Sabki Sakshi Tum Ho ॥

 

Rajnagar Mai Tum Jagdambay ।

Banee Bhradkali Tum Ambe ॥ 16 ॥

 

Pavagadh Mai Durga Mata ।

Akhil Vishav Tera Yash Gatta ॥

 

Kashi Puradhishwari Mata ।

Aaanpurna Naam Suhata ॥

Most beautiful Bhajan of Sikha Baghel ji: Maa Ke Bhawan Mein Ud Rahi Dhool

Sarwanand Karo Kaliyani ।

Tumhi Sharda Amrit Vani ॥

 

Tumhari Mahima Jal Mai Thal Mai ।

Dukh Darid Sab Meto Pal Mai ॥ 20 ॥

 

Jete Risiwar Aur Munisha ।

Narad Dev Aur Devesha ॥

 

Es Jagati Ke Nar Aur Nari ।

Dhayan Dharat Hai Maat Tumhari ॥

 

Japar Kripa Tumhari Hoti ।

Veh Patta Bhakti Ka Moti ॥

 

Dukh Darid Sankat Mit Jata ।

Dhayan Tumhara Jo Jan Dhayata ॥ 24 ॥

The sweetest hymn of Lakkha ji: Bigdi Meri Bana De

Jo Jan Tumhari Mahima Gave ।

Dhayan Tumhara Kar Such Pave ॥

 

Jo Maan Rakhe Sudh Bhavana ।

Taki Puran Karo Kamna ॥

 

Kumti Nivari Sumati Ki Datri ।

Jayati Jayati Mata Jagdhatri ॥

 

Sukarwar Ka Diwas Suhavan ।

Jo Vart Kare Tumhara Paven ॥ 28 ॥

 

Guud Chole Ka Bhog Lagave ।

Katha Tumhari Sune Sunnave ॥

 

Vidhivat Puja Kare Tumhari ।

Phir Prasad Pave Subhkari ॥

The most beautiful hymn of Ambe Maa: Jag Mein Naa Koi Sacha Maa Tu Hi Hai

Shakti Samrath Ho Jo Dhan Ko ।

Dan Dakshina De Vipran Ko ॥

 

Ve Jagti Ke Nar Aur Nari ।

Maanvanchit Phal Pave Bhari ॥ 32 ॥

 

Jo Jan Sharan Tumhari Jave ।

so Nishchaye Bhav Se Tar Jave ॥

 

Tumharo Dyan Kumari Dhayave ।

Nishchaye Maanvanchit Var Pave ॥

 

Sadhva Pooja Kare Tuhari ।

Amar Suhagin Ho Wo Nari ॥

 

Vidhva Dhar Ke Dhyan Tumhara ।

Bhavsagar Se Utre Para ॥ 36 ॥

Most beautiful hymns of Maa Vaishno Devi: Maa Vaishno Ka Darshan Kara Do

Jayati Jayati Jai Sankat Harni ।

Vidhan Vinashan Mangal Karni ॥

 

Hum Par Sankat Hai Aati Bhari ।

Vegi Khabar Lo Maat Hamari ॥

 

Nishidin Dhayan Tumharo Dhayta ।

Dehi Bhakti Var Hum Ko Mata ॥

 

Yeh Chalisa Jo Nit Gave ।

so Bhavsagar Se Tar Jave ॥ 40 ॥

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