स्थायी:- माँ संतोषी वार है ,आज शुक्रवार है
जीवन के इस युद्ध क्षेत्र में ,रक्षा की दीवार है
माँ संतोषी वार है ..........
१.
अंतरा:- भक्तो की रक्षा करने को माँ धरती पे आयी है
जिसने भी इस माँ को पुकारा तुरंत दौड़कर आयी है
ऐसा इसका प्यार है माँ संतोषी वार है ..............
२.
अंतरा:- बड़ी दयालु अति कृपालु संतोषी वरदानी माँ
पल में भाग पलट के रख दे जग जननी कल्याणी माँ
ऐसी ये दातार है माँ संतोषी वार है .......................
३.
अंतरा:- जो भी आये शरण में इसकी सबको गले लगाती है
बिन मांगे ही माँ संतोषी धन वैभव बरसाती है
सुनती करूँ पुकार है माँ संतोषी वार है .........
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