Current Date: 18 Dec, 2024

साईं नाथ तेरी महिमा, सारे जग से निराली है

- मोहिनी द्विवेदी


साईं नाथ तेरी महिमा,
सारे जग से निराली है,
आता जो भी धाम तेरे,
जाता नहीं खाली है,
साई नाथ तेरी महिमा,
सारे जग से निराली है।।

तर्ज – गुरुदेव दया करके।

श्रद्धा सबुरी का ज्ञान,
जो तूने सिखाया है,
हर संकट मिट जाते,
जिसने अपनाया है,
जीवन उजियारा करे,
कटी रात जो काली है,
साई नाथ तेरी महिमा,
सारे जग से निराली है।।

तेरी नजर में एक है सब,
सब धर्मो का तू है रब,
हिन्दू मुस्लिम तेरे,
सबका मालीक एक तू,
जीवन की बगिया का,
तू ही इक माली है,
साई नाथ तेरी महिमा,
सारे जग से निराली है।।

साईं जगत में बस एक तू,
हर पल तेरा नाम जपूँ,
बस ये ही सपना है,
तेरे चरणों में मैं रहूँ,
साईं नाथ तेरे आए,
हम बनके सवाली है,
साई नाथ तेरी महिमा,
सारे जग से निराली है।।

बिखरे है शब्द मेरे,
स्वीकार तू कर लेना,
नादान हूँ मैं साईं,
मेरी भूल क्षमा करना,
जैसा है भी है ‘पाली’ तेरा,
मैंने आस लगा ली है,
साई नाथ तेरी महिमा,
सारे जग से निराली है।।

साईं नाथ तेरी महिमा,
सारे जग से निराली है,
आता जो भी धाम तेरे,
जाता नहीं खाली है,
साईं नाथ तेरी महिमा,
सारे जग से निराली है।।

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