Current Date: 20 Nov, 2024

साई ओम साई ओम

- मनीष तिवारी


साई ओम साई ओम हरी ओम हरी ओम 
तर्ज – पंख होते तो उड़ आती रे 

साई ॐ साई ॐ हरी ॐ हरी ॐ।।

चन्दन का तूने तिलक लगाया
पानी से तूने दीपक जलाया,
दूर से देखा तो दीपक जला था,
वो तो अपना साई बाबा था,
शिरडी के बाबा साई रे,
हमें अपना दरश दिखलाइये।


साई ॐ साई ॐ हरी ॐ हरी ॐ।।

काशी भी देखि मथुरा भी देखि,
शिरडी ना देखि तो क्या तूने देखा,
दूर से देखा तो पत्थर पड़ा था,
वो तो अपना साई बाबा था,
शिरडी के बाबा साई रे,
हमें अपना दरश दिखलाइये।

साई ॐ साई ॐ हरी ॐ हरी ॐ।।


सत्य पे चलना तूने सिखाया,
कौन है अपना कौन पराया,
जीने की सच्ची राह दिखाई,
भक्ति की मन में ज्योत जगाई,
शिरडी के बाबा साई रे,
हमें अपना दरश दिखलाइये।

साई ॐ साई ॐ हरी ॐ हरी ॐ।।


शिरडी को तूने स्वर्ग बनाया,
श्रद्धा सबुरी का मन्त्र बताया,
तेरी महिमा की है बलिहारी,
पूज रहे है तुझे नर और नारी,
शिरडी के बाबा साई रे,
हमें अपना दरश दिखलाइये।

साई ॐ हरी ॐ साई ॐ हरी ॐ।।


अंधे को तूने ज्योति दिलाई,
भूखे को तूने रोटी दिलाई,
कोड़ी को तुमने काया दिलाई,
क्या कहु तेरी लीला है न्यारी,
शिरडी के बाबा साई रे,
हमें अपना दरश दिखलाइये।

साई ॐ हरी ॐ साई ॐ हरी ॐ।।


तेरे द्वारे पे भक्तो ने साई,
लंबी लंबी भीड़ लगाई,
प्रेम से सबको दर्शन देना,
प्यार से सबको आशीष देना,
शिरडी के बाबा साई रे,
हमें अपना दरश दिखलाइये।

साई ओम साईं ओम हरी ओम हरी ओम
साई ॐ हरी ॐ साई ॐ हरी ॐ।।

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