Current Date: 18 Nov, 2024

सँवारे सेठ का प्यार

- Avinash karn


स्थाई :-     सँवारे सेठ का प्यार पाकर मुझे,
ना तमन्ना रही अब किसी प्यार की 
इसके द्वारे पे सब कुछ मिना है मुझे 
ना तमन्ना रही अब किसी प्यार की 
अंतरा :-    जग में दर दर भटकता था गुम नाम सा 
मुझको पहचान दी सँवारे सेठ ने 
दुःख का रहता था सागा आगे बाहर
मुझको मुस्कान दी सँवारे सेठ ने 
तोड़:-     जब मेरे साथ है वो खाटू नरेश क्यों तमन्ना करू
किसी दिलदार सांवरे सेठ का प्यार पाकर मुझे 
ना तमन्ना रही अब किसी की
अंतरा:-    जबसे राहों से कांटे  
चुने श्याम ने मेरे जीवन की गुलशन महकने लगी 
मुस्किले जीतनी थी सब दफा हो गयी 
मेरा बिगड़ा मुकदर सवरने लगा 
तोडा:-     जबसे दीदार मुझको मिला श्याम का 
ना तमन्ना रही किसी दीदार की 
सँवारे सेठ का प्यार पाकर मुझे ना 
तमन्ना रही किसी दीदार की 
अंतरा :-     है अनाडी के दिल की तमन्ना यही 
श्याम बाबा का द्वारा ना छूटे कई 
रूठे अविनाश से सारी दुनिया मगर 
श्याम बाबा ना तू मुझसे रूठे कभी 
तोड़ :-     मुझपे रेहमत है जब खाटू सरकार की 
क्या तमन्ना रही किसी सरकार की 
सँवारे सेठ का प्यार पाकर मुझे 

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