रुतबा देखो श्याम धनि सरकार का
नीले घोड़े वाले लखदातार का
मकराने की कोठी में ही राज करे
पहरेदार है हनुमंत इनके द्वार का
रुतबा देखो श्याम धनि सरकार का
फूलो में ये बैठा छुप कर भवरे के जैसा
खुद ही बोलो देखा है श्याम के जैसा
अर्जी ये सुनता है सब की देव दयालु है
हारे का साथी कहलाये बड़ा किरपालु है
गूंजे धनका इसकी जय जय कर का
नीले घोड़े वाले लखदातार का
जो भी दर्शन पा लेता है आके मेले में
जीवन भर वो पड़े नहीं किसी झमेले में
दिल से दिल की बाते जो भी आकर करता है
हर पल खाटू वाला उस के साथ रहता है
करो शुकरियाँ बाबा के उपकार का
नीले घोड़े वाले लखदातार का
अल्लू सिंह जी कहते है दरबार सच्चा है
बांजन के भी गोद में मुस्काता बच्चा है
नीयत भली हो जिसकी उसकी पल में सुन लेता
बिन मांगे ही बाबा उसको सब कुछ दे देता
सबर नहीं फिर मुन्ना इन्तजार का
नीले घोड़े वाले लखदातार का
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