Current Date: 17 Nov, 2024

रूद्राष्टकम

- Devendra Pathak Ji



M:-    नमामीशमीशान निर्वाण रूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदः स्वरूपम् ।
कोरस :-     नमामीशमीशान निर्वाण रूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदः स्वरूपम् ।
M:-    निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाश माकाशवासं भजेऽहम् ॥
कोरस :-     निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाश माकाशवासं भजेऽहम् ॥
 
M:-    निराकार मोंकार मूलं तुरीयं, गिराज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम् ।
कोरस:-     गिराज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम् ।
M:-    करालं महाकाल कालं कृपालुं, गुणागार संसार पारं नतोऽहम् ॥
कोरस :-     गुणागार संसार पारं नतोऽहम् | गुणागार संसार पारं नतोऽहम् ॥
M:-    तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं, मनोभूत कोटि प्रभा श्री शरीरम् ।
कोरस :-     तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं, मनोभूत कोटि प्रभा श्री शरीरम् ।
M:-    स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारू गंगा, लसद्भाल बालेन्दु कण्ठे भुजंगा॥
कोरस :-    स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारू गंगा, लसद्भाल बालेन्दु कण्ठे भुजंगा॥

M:-    चलत्कुण्डलं शुभ्र नेत्रं विशालं, प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् ।
कोरस :-     प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् । प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् ।
M:-    मृगाधीश चर्माम्बरं मुण्डमालं, प्रिय शंकरं सर्वनाथं भजामि ॥
कोरस :-     मृगाधीश चर्माम्बरं मुण्डमालं, प्रिय शंकरं सर्वनाथं भजामि ॥

M:-    प्रचण्डं प्रकष्टं प्रगल्भं परेशं, अखण्डं अजं भानु कोटि प्रकाशम् ।
कोरस :-     अखण्डं अजं भानु कोटि प्रकाशम् । अखण्डं अजं भानु कोटि प्रकाशम् ।
M:-    त्रयशूल निर्मूलनं शूल पाणिं, भजेऽहं भवानीपतिं भाव गम्यम् ॥
कोरस :-     त्रयशूल निर्मूलनं शूल पाणिं, भजेऽहं भवानीपतिं भाव गम्यम् ॥

M:-    कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी, सदा सच्चिनान्द दाता पुरारी।
कोरस :-     सदा सच्चिनान्द दाता पुरारी। सदा सच्चिनान्द दाता पुरारी।
M:-    चिदानन्द सन्दोह मोहापहारी, प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ॥
कोरस :-      प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ॥

M:-    न यावद् उमानाथ पादारविन्दं, भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् ।
कोरस :-     न यावद् उमानाथ पादारविन्दं, भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् ।
M:-    न तावद् सुखं शांति सन्ताप नाशं, प्रसीद प्रभो सर्वं भूताधि वासं ॥
कोरस :-     प्रसीद प्रभो सर्वं भूताधि वासं ॥ 
M:-    न जानामि योगं जपं नैव पूजा, न तोऽहम् सदा सर्वदा शम्भू तुभ्यम् ।
कोरस :-     न तोऽहम् सदा सर्वदा शम्भू तुभ्यम् ।

M:-    जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं, प्रभोपाहि आपन्नामामीश शम्भो ॥
कोरस :-     जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं, प्रभोपाहि आपन्नामामीश शम्भो ॥
M:-    नमामीशमीशान निर्वाण रूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदः स्वरूपम् ।
कोरस :-     नमामीशमीशान निर्वाण रूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदः स्वरूपम् ।
M:-    निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाश माकाशवासं भजेऽहम् ॥
कोरस :-     निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाश माकाशवासं भजेऽहम् ॥
M:-    सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम 
    राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम 
    राजा राम राजा राम राजा राम राजा राम 
    सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम
    राजा राम राजा राम राजा राम राजा राम  

M:-    रूद्राष्टकं इदं प्रोक्तं रूद्राष्टकं इदं प्रोक्तं विप्रेण हर्षोतये ये पठन्ति नरा भक्तयां 
    तेषां शंभो प्रसीदति।।
 

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