रोती हुई आँखो को मेरे श्याम हँसाते है -3
जब काई नही आता मेरे श्याम ही आते है
रोती हुई आँखो को मेरे श्याम हँसाते है
जिन नज़रो को बाबा इक आँख न भाता था,
करते थे सभी परदा जब मै दिख जाता था -2
अब वो ही गले लगकर अपना पन जताते है
जब काई नही आता मेरे श्याम ही आते है
रोती हुई आँखो को मेरे श्याम हँसाते है
सब ने हँसता देखा मेरे घाव नही देखे,
ऊँचाई दिखी सबको मेरे पाँव नही देखे -2
उस मंजिल को पावे मे छाले पड़ जाते है
जब काई नही आता मेरे श्याम ही आते है
रोती हुई आँखो को मेरे श्याम हँसाते है
अपनो के सभी रिश्ते फिके पड़ जाते है,
जब साख से पैसो के पत्ते झड़ जाते है -2
मतलब मे सभी माधव यहाँ रिश्ता निभाते है
जब काई नही आता मेरे श्याम ही आते है
रोती हुई आँखो को मेरे श्याम हँसाते है,
जब काई नही आता मेरे श्याम ही आते है-3
अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।