Current Date: 17 Nov, 2024

रोती है तेरी याद में

- संजय मित्तल जी।


रोती है तेरी याद में,
आँखे झुकी झुकी,
रोती है तेरी याद मे,
आँखे झुकी झुकी,
आती है हिचकियों से,
ये सांसे रुकी रुकी,
रोती है तेरी याद मे,
आँखे झुकी झुकी।।

तर्ज – मिलती है जिंदगी में।

क्या ये अजीब बात है,
तुमको खबर नहीं,
तेरे बिना ओ साँवरे,
मेरी गुजर नहीं,
लगती वीरानियों में,
आशा थकी थकी,
रोती है तेरी याद मे,
आँखे झुकी झुकी।।

तुम जानते हो फिर भी क्यूँ,
अनजान बन गए,
किस अजनबी के आज तुम,
मेहमान बन गए,
दर्शन बगैर दिल मेरा,
रहता दुखी दुखी,
रोती है तेरी याद मे,
आँखे झुकी झुकी।।

तिरछी अदा पे दिल मेरा,
कुर्बान हो गया,
तेरी शरण में आके मैं,
इंसान हो गया,
हर वक्त तेरी याद में,
‘काशी’ रहे सुखी,
रोती है तेरी याद मे,
आँखे झुकी झुकी।।

रोती है तेरी याद में,
आँखे झुकी झुकी,
रोती है तेरी याद मे,
आँखे झुकी झुकी,
आती है हिचकियों से,
ये सांसे रुकी रुकी,
रोती है तेरी याद मे,
आँखे झुकी झुकी।।

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