Current Date: 19 Dec, 2024

रो रो कर फरियाद

- संजय मित्तल जी।


रो रो कर फरियाद करा हाँ,
श्याम मिजाजी आजा रे,
लखदातार कुहावे है तो,
दातारी दिखला जा रे,
रो रो कर फरीयाद करा हाँ,
श्याम मिजाजी आजा रे।।

तर्ज – कस्मे वादे प्यार वफ़ा।

जद जद म्हापर आफत आवे,
तू संताप मिटा वे है,
दिन दुखी दरवाजे आवे,
मनवांछित फल पावे है,
इसीलिए तो दुनिया तन्ने,
जगत सेठ बतलावे है,
रो रो कर फरीयाद करा हाँ,
श्याम मिजाजी आजा रे।।

आस लगाकर बेठ्या हां मैं,
श्याम घणी इब आवेगो,
कुछ ना कुछ तो महर करेगो,
कुछ ना कुछ फरमावेगो,
रख देवेगो हाथ यो सिर पर,
चरणा से लिपटावेगो,
रो रो कर फरीयाद करा हाँ,
श्याम मिजाजी आजा रे।।

नजर दया की कर दे इब तो,
म्हारो हिवड़ो खिल जासी,
रुकी पड़ी है जीवन गाड़ी,
बिका चक्का हिल जासी,
‘बिन्नू’ बोले दर्शन दे दो,
म्हाने सबकुछ मिल जासी,
रो रो कर फरीयाद करा हाँ,
श्याम मिजाजी आजा रे।।

रो रो कर फरियाद करा हाँ,
श्याम मिजाजी आजा रे,
लखदातार कुहावे है तो,
दातारी दिखला जा रे,
रो रो कर फरीयाद करा हाँ,
श्याम मिजाजी आजा रे।।

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