रिश्तो में नियमित दूरियां रिश्तो को जोड़ती है
और अनियमित दूरियां रिश्तो को तोड़ती है..!
मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है
जैसा वो विश्वास करता है वैसा वो बन जाता है!
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रिश्तो में नियमित दूरियां रिश्तो को जोड़ती है
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