रिश्ता तू बना ले श्याम से,
तेरे हर दुःख में हर सुख में,
यही काम आएगा,
रिश्ता तु बना ले श्याम से,
आराम पाएगा।।
तर्ज – दिल दीवाने का डोला।
ये ऐसा सच्चा साथी,
हर दुःख में साथ निभाए,
इस जग में हार गया जो,
उसे बढ़कर गले लगाए,
जब ठुकरा देगी दुनिया,
यही साथ आएगा,
रिश्ता तु बना ले श्याम से,
आराम पाएगा।।
ये एहलवती का लाल,
हारे का बना सहारा,
दिया शीश दान नटवर को,
पर माँ का वचन न टाला,
तिहुँ लोक में ऐसा दानी,
ना कोई और पाएगा,
रिश्ता तु बना ले श्याम से,
आराम पाएगा।।
श्री कृष्णा का हाल ना पूछो,
किया कैसा छल ये हाये,
झर झर बहते थे आंसू,
बस इतना ही कह पाए,
मेरे नाम से तू कलयुग में,
पहचाना जाएगा,
रिश्ता तु बना ले श्याम से,
आराम पाएगा।।
खाटू में जो भी आता,
मेरे श्याम से नज़र मिलाता,
वो श्याम दीवाना होकर,
बस इसमें ही खो जाता,
तू आज ‘अमन’ इसे ध्याले,
भव पार जाएगा,
रिश्ता तु बना ले श्याम से,
आराम पाएगा।।
तेरे हर दुःख में हर सुख में,
यही काम आएगा,
रिश्ता तू बना ले श्याम से,
आराम पाएगा।।
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