श्याम पिया मोरे रंग दे चुनरिया (2)
रंग दे चुनरिया (2)
श्याम पिया मोरे रंग दे चुनरिया (2)
ऐसी रंग दे के रंग नाही छूटे
ऐसी रंग दे रंग दे रंग दे के रंग नाही छूटे
धोबिया धुए चाहे ये सारी उमरिया (2)
ओह श्याम पिया मोरे रंग दे चुनरिया
श्याम पिया मोरे रंग दे चुनरिया
रंग दे (5),रंग दे चुनरिया
लाल न रंगवू में,हरी ना रंगावु
अपने ही रंग में रंग दे चुनरिया (2)
ओह श्याम पिया मोरे रंग दे चुनरिया
श्याम पिया मोरे रंग दे (चुनरिया) (6)
रंग दे (9),रंग दे चुनरिया
बिना रंगाये मई तो घर नाही जाउंगी
बिना … रंगाये मई तो घर नाही … जाउंगी
श्याम पिया मोरे रंग दे चुनरिया
मीरा के प्रभु गिरिधर नगर
जल से पतला कौन है,कौन भूमि से भारी
कौन अगन से तेज है,कौन काजल से काली
जल से पतला जनन है,और पाप भूमि से भारी
क्रोध अगन से तेज है,और कलंक काजल से काली
मीरा के प्रभु गिरिधर नागर,प्रभु चरण में हरी चरनन में
श्याम चरण में लागी नजरिया
ओ शम पिया मोरे
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