Current Date: 22 Nov, 2024

रंग बरसाने में

- Satendra Pathak


गोकुल में छायी है उमंग रंग बरसाने में 
रंग बरसाने में उमंग बरसाने में 
खेले ग्वाल बाल संग संग रंग बरसाने में 
गोकुल में छायी है उमंग रंग बरसाने में 
हाथ लिए सब लठ है नारी 
पीट रही पुरुषो को सारी मानो टहनी है की जंग रंग बरसाने में 
गोकुल में छायी है उमंग रंग बरसाने में 
रंग बरसाने में उमंग बरसाने में 
खेले ग्वाल बाल संग संग रंग बरसाने में 
गोकुल में छायी है उमंग रंग बरसाने में 
हाथ लिए सब झाज मंजीरा 
गाते है सब फाग का बीरा मचा हुआ है हुड़दंग रंग बरसाने में 
रंग बरसाने में उमंग बरसाने में 
खेले ग्वाल बाल संग संग रंग बरसाने में 
गोकुल में छायी है उमंग रंग बरसाने में 
राधे कृष्ण करे बरजोरी झाके सखिया चोरी चोरी 
पड़ा रंग में भंग रंग बरसने में 
रंग बरसाने में उमंग बरसाने में 
खेले ग्वाल बाल संग संग रंग बरसाने में 
गोकुल में छायी है उमंग रंग बरसाने में 
अनुज सतेंद्र भरे पिचकारी 
भीगा रहे ग्वालिन की सारी 
मस्त है पीके दोनों भंग रंग बरसाने में 
रंग बरसाने में उमंग बरसाने में 
खेले ग्वाल बाल संग संग रंग बरसाने में 
गोकुल में छायी है उमंग रंग बरसाने में 
 

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