जय काली कलकत्ते वाली जय काली जय जय काली
जननी है वो तो वो ही माँ काली दर पे उसके ना रहता किसी का दामन खली
जय काली कलकत्ते वाली जय काली जय जय काली
उद्धार धरा का करने को जन जन में भक्ति भरने को
दुष्टो का खात्मा करने को भक्तो के दुखड़े हरने को
कर नैन लाल बिखराके बाल भरने को खप्पर खाली
रण में हुनकारी काली माँ ले तेज धारी काली माँ
काली माँ काली माँ काली माँ काली माँ हा..............
रक्त बीज का वध करने को गौरा बन गयी काली माँ
रणभूमि में छम छम नाचे पीके मधु की ताली माँ
कांपे थर थर सारे निश्चर पड़ी सबपे भारी काली माँ
रण में हुनकारी काली माँ ले तेज धारी काली माँ
काली माँ काली माँ काली माँ काली माँ हा..............
चण्डमुण्ड का मुंड काट के गले में पहनी माला रे
भगदड़ मच गयी दुश्मन दल में बहा खून का नाला रे
हुई धरा लाल हो थोक ताल खिलकारी मरी काली माँ
रण में हुनकारी काली माँ ले तेज धारी काली माँ
काली माँ काली माँ काली माँ काली माँ हा..............
पलक झपकते रक्तबीज का सर मैया ने काट दिया
ना गिरा जमीं पे रखके सब खपर में डाल दिया
दिया मार दुष्ट किया दूर कष्ट तुझे पूजे अनाड़ी काली माँ
रण में हुनकारी काली माँ ले तेज धारी काली माँ
काली माँ काली माँ काली माँ काली माँ हा..............
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