रामनवमी क्यों मनाते हैं ?
हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान राम और उनके भाईयों के जन्म को लेकर एक पौराणिक कथा है। राजा दशरथ के अनुसार तीनों रानियों कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी में से तीनों को जब पुत्र की प्राप्ति नहीं हुई थी तो राजा दशरथ ने पुत्रेष्टि यज्ञ करवाया। प्रसाद में यज्ञ से निकली खीर को तीनों रानियों को खिला दिया गया था फिर कुछ समय बाद राजा दशरथ के घर में खुशखबरी सुनने को मिली यानी तीनों रानियों ने गर्भधारण किया है।
रामायण का सबसे सुन्दर भजन : जन जन के प्रिये राम लखन सिया वन को जाते हैं
चैत्र शुक्ल नवमी के दिन कौशल्या माता ने राम, कैकेयी ने भरत और सुमित्रा ने लक्ष्मण और शत्रुघ्न को जन्म दिया। राजा दशरथ को अब उनके उत्तराधिकारी मिल चुके थे।(भगवान श्री राम के जन्मोत्सव से जुड़ी दिलचस्प बातें जानें) तब से यह तिथि रामनवमी के रूप में मनाई जाती है। शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान राम के जन्म के वक्त सूर्य और 5 ग्रहों की शुभ दृष्टि भी थी और इन खास युगों के बीच राजा दशरथ और माता कौशल्या के पुत्र का जन्म हुआ।
रुला देने वाला रामायण भजन: हे राम अयोध्या छोड़ कर वन मत जाओ
इसी शुभ मौके पर गोस्वामी तुलसीदास ने महाकाव्य रामचरितमानस की शुरू की थी। इस कारण से भी अयोध्या नगर वासियों के लिए इस दिन का विशेष महत्व होता है और वह इस दिन को बहुत शुभ भी मानते हैं।
क्या होता है इस दिन का महत्व?
हिंदू धर्म में रामनवमी का बहुत अधिक महत्व होता है। हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार इस दिन जो भी भक्त पूरे भक्ति भाव और विधि विधान से मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की पूजा करते हैं, उनके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है। आपको बता दें कि इस दिन कई जगहों पर भव्य कार्यक्रम और मेले आयोजित किए जाते हैं।
रविंद्र जैन जी का मनमोहक भजन: मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल
मान्यताओं के अनुसार रामनवमी के दिन माता दुर्गा और श्री राम जी की पूजा पूरे विधि पूर्वक करने वाले भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और साथ ही उनके जीवन से कष्टों का नाश होता है। रामनवमी के साथ नवरात्रि का समापन भी किया जाता है। यही वजह है कि इस दिन कई लोग कन्या पूजन कर माता रानी की आराधना करते हैं।
Why celebrate Ram Navami?
According to Hindu scriptures, there is a mythological story about the birth of Lord Rama and his brothers. According to King Dasharatha, when the three queens Kaushalya, Sumitra and Kaikyi did not have a son, King Dasharatha performed the Putreshti Yajna. In prasad, the kheer that came out of the yajna was fed to the three queens, then after some time, the good news was heard in the house of King Dasharatha that the three queens have conceived.
The most beautiful hymn of Ramayana: Jan Jan Ke Priye Ram Lakhan Siya Van Ko Jaate Hain
On Chaitra Shukla Navami, Kaushalya Mata gave birth to Rama, Kaikeyi gave birth to Bharata and Sumitra gave birth to Lakshmana and Shatrughna. King Dasharatha now had his successors. (Learn interesting facts related to the birth anniversary of Lord Shri Ram) Since then this date is celebrated as Ram Navami. It is said in the scriptures that at the time of Lord Rama's birth there was also an auspicious sight of the sun and 5 planets and between these special yugas the son of King Dasharatha and mother Kaushalya was born.
Crying Ramayana Bhajan: Hey Ram Ayodhya Chhodh Ke Van Mat Jao
It was on this auspicious occasion that Goswami Tulsidas started the epic Ramacharitmanas. For this reason, this day has a special significance for the residents of Ayodhya city and they also consider this day very auspicious.
What is the importance of this day?
Ram Navami is very important in Hinduism. According to Hindu scriptures, on this day, any devotee who worships Lord Purushottam Shriram with full devotion and devotion will bring happiness, prosperity and peace in his life. Let us tell you that grand programs and fairs are organized at many places on this day.
Ravindra Jain's beautiful hymn: Mere Lakhan Dulare Bol Kachhu Bol
According to the beliefs, devotees who worship Goddess Durga and Shri Ram ji on Ramnavami get their desired results and also get rid of all the hardships in their lives. Navratri is also concluded with Ram Navami. This is the reason why many people worship Mata Rani by worshiping Kanya on this day.
और भी मनमोहक भजन, आरती, वंदना, चालीसा, स्तुति :-
- अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे
- मेरी झोंपड़ी के भाग आज खुल जाएंगे राम आएंगे
- शनि देव के 10 नाम
- मेरा राम की कृपा से सब काम हो रहा है
- सूर्य नारायण के 12 नाम
- कार्तिकेय के 12 नाम
- चंद्र देव के 10 नाम
- राम को देखकर श्री जनक नंदिनी
- अग्नि देव के 12 नाम
- सीताराम सीताराम कहिए जाही विधि राखे राम ताहि विधि रहिये
अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें एवं किसी भी प्रकार के सुझाव के लिए कमेंट करें।
अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।