Current Date: 21 Nov, 2024
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Jaise Suraj Ki Garmi Se

- Sonu Nigam


🎵जैसे सूरज की गर्मी से🎵

🙏 गायक: सोनू निगम
🎼 गीत: पारंपरिक

विवरण:
जैसे सूरज की गर्मी से एक अद्भुत भजन है जो भगवान राम की कृपा और शरण के सुख का वर्णन करता है। इस गीत में जीवन की कठिनाइयों और संघर्षों को एक जलते हुए तन की तरह दर्शाया गया है, जिसे भगवान की शरण में आकर शांति और सुख प्राप्त होता है। गीत में राम की कृपा को जीवन की नाव के लिए किनारे जैसा बताया गया है, जिससे जीवन में स्थिरता और संतोष आता है। भगवान की शरण में आने से अंधेरी रातें भी पूनम की उजियाली रातों में बदल जाती हैं।

गीत के बोल:
जैसे सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को
मिल जाये तरुवर कि छाया
ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है
मैं जबसे शरण तेरी आया, मेरे राम

भटका हुआ मेरा मन था कोई
मिल ना रहा था सहारा
लहरों से लड़ती हुई नाव को
जैसे मिल ना रहा हो किनारा,
मिल ना रहा हो किनारा
उस लड़खड़ाती हुई नाव को जो
किसी ने किनारा दिखाया
ऐसा ही सुख …

शीतल बने आग चंदन के जैसी
राघव कृपा हो जो तेरी
उजियाली पूनम की हो जाएं रातें
जो थीं अमावस अंधेरी, जो थीं अमावस अंधेरी
युग-युग से प्यासी मरुभूमि ने
जैसे सावन का संदेस पाया
ऐसा ही सुख …

जिस राह की मंज़िल तेरा मिलन हो
उस पर कदम मैं बढ़ाऊं
फूलों में खारों में, पतझड़ बहारों में
मैं न कभी डगमगाऊं, मैं न कभी डगमगाऊं
पानी के प्यासे को तक़दीर ने
जैसे जी भर के अमृत पिलाया
ऐसा ही सुख …

Credit Details :

Song: Jaise Suraj Ki Garmi Se
Singer: Sonu Nigam
Lyrics: Traditional

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