Current Date: 21 Nov, 2024
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जिन पर कृपा राम करे वो पत्थर भी तीर जाते हैं - Jin Par Kirpa Ram Kare Vo Paththar Bhi Tir Jate Hain

- Ravindra Jain


🎵जिन पर कृपा राम करे वो पत्थर भी तीर जाते हैं🎵

🙏 गायक: रवींद्र जैन
🎼 संगीत: रवींद्र जैन

विवरण:
जिन पर कृपा राम करे वो पत्थर भी तीर जाते हैं गाया हुआ रविंद्र जैन द्वारा, एक सुंदर भजन है जो भगवान राम की असीम कृपा की महिमा को दर्शाता है। यह गीत उस आस्था को प्रकट करता है कि जिन पर रामजी की कृपा होती है, उनके लिए असंभव कार्य भी सरल हो जाते हैं।

इस भजन में बताया गया है कि जिन पर भगवान राम की कृपा होती है, वे लोग कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी सफल होते हैं। जल में रास्ता बनाने वाले प्रभु राम अपने भक्तों का हर कार्य सुगम बना देते हैं। भगवान की शक्ति और अनुग्रह से पत्थर तक तैरने लगते हैं, यही रामजी की महिमा है। रामजी के प्रति पूर्ण समर्पण से भक्त हर बाधा को पार कर जाते हैं।

गीत के बोल:
राम नाम आधार जिन्हें
राम नाम आधार जिन्हें
वो जल में राह बनाते हैं

जिन पर कृपा राम करें
वो पत्थर भी तिर जाते हैं
जिन पर कृपा राम करें
वो पत्थर भी तिर जाते हैं

लक्ष्य रामजी सिद्धि रामजी
राम ही राह बनाई
राम ही राह बनाई

राम कर्म हैं राम ही कर्ता
राम की सकल बड़ाई
राम की सकल बड़ाई

राम काम करने वालों में
राम की शक्ति समाई
पृथक पृथक नामों से
सारे काम करें रघुराई

भक्त परायण निज भक्तो को
सारा श्रेय दिलाते है
जिन पर कृपा राम करें
वो पत्थर भी तिर जाते हैं

घट घट बसके आप ही
अपना नाम रटा देते हैं

नाम रटा देते हैं
हर कारज में निज
भक्तो का हाथ बटा देते है
हाथ बटा देते है

बाधाओं के सारे पत्थर
राम हटा देते है
अपने ऊपर लेकर उनका
भार घटा देते है

पत्थर क्या प्रभु तीन लोक का
पत्थर क्या प्रभु तीन लोक का
सारा भार उठाते हैं
जिन पर कृपा राम करें
वो पत्थर भी तिर जाते हैं

जिन पर कृपा राम करें
वो पत्थर भी तिर जाते हैं
जिन पर कृपा राम करें
वो पत्थर भी तिर जाते हैं
जिन पर कृपा राम करें
वो पत्थर भी तिर जाते हैं
राम-सिया भेज दये री बन में।।

जदपि भरत तेरो ही जायो,
तेरी करनी देख लजायो,
अपनों पद तैने आप गँवायो,
भरत की नजरन में,
राम-सिया भेज दये री बन में,
हठीली तैने का ठानी मन में,
राम-सिया भेज दये री बन में।।

मेहल छोड़ वहाँ नहीं रे मड़ैया,
सिया सुकुमारी,संग दोउ भईया,
काहू वृक्ष तर भीजत होंगे,
तीनों मेहन में,
राम-सिया भेज दये री वन में,
दीवानी तैने का ठानी मन में,
राम-सिया भेज दये री बन में।।

कौशल्या की छिन गयी बानी,
रोय ना सकी उर्मिल दीवानी,
कैकेयी तू बस एक ही रानी,
रह गयी महलन में,
राम-सिय भेज दये री बन में।।

ओ मईया तैने का ठानी मन में,
राम-सिया भेज दये री बन में,
दीवानी तैने का ठानी मन में,
राम-सिया भेज दये री बन में।।

Credit Details :

Song: Jin Par Kirpa Ram Kare Vo Paththar Bhi Tir Jate Hain
Singer: Ravindra Jain
Lyrics: Ravindra Jain
Music: Ravindra Jain

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