🎵सीता राम दरस रस बरसे जैसे सावन की झड़ी🎵
🙏 गायक: रवींद्र जैन और येशुदास
🎼 संगीत: रवींद्र जैन
विवरण:
सीता राम दरस रस बरसें जैसे सावन की झड़ी एक सुंदर भजन है जिसमें भगवान राम और माता सीता के दिव्य दर्शन की महिमा को सावन की झड़ी के साथ तुलना करते हुए प्रस्तुत किया गया है। इस भजन में सीता और राम के रूप की बखान, अयोध्या नगरी का वर्णन और भक्तों के हर्षोल्लास का दृश्य है। जैसे वर्षा की बूंदें धरती को तृप्त करती हैं, वैसे ही यह भजन भक्तों के मन में प्रेम और भक्ति की बौछार लाता है। इस भजन में भगवान राम और माता सीता की महिमा का रस बरसता है, जैसे सावन की झड़ी प्यासे प्राणों पर पड़ती है।
गीत के बोल:
श्लोक
चहुं दिशि बरसें राम रस,
छायों हरस अपार,
राजा रानी की करे,
सब मिल जय जयकार।
कौशल नंदन राजा राम,
जानकी वल्लभ राजा राम,
जय सियाराम जय जय सियाराम।
ऐसे राम दरश रस बरसें,
जैसे सावन की झड़ी,
सीता राम दरश रस बरसें,
जैसे सावन की झड़ी,
सावन की झड़ी,
प्यासे प्राणों पे पड़ी,
ऐसे राम दरश रस बरसें,
जैसे सावन की झड़ी।।
राम लखन अनमोल नगीने,
अवध अँगूठी में जड़ दिने,
राम लखन अनमोल नगीने,
अवध अँगूठी में जड़ दिने,
सीता ऐसे सोहे जैसे मोती की लड़ी,
सीता राम दरश रस बरसें,
जैसे सावन की झड़ी।।
रामसिया को रुप निहारी,
नाचे गावे सब नर नारी,
रामसिया को रुप निहारी,
नाचे गावे सब नर नारी,
चल री दर्शन कर आवै,
का सोचत खड़ी,
सीता राम दरश रस बरसें,
जैसे सावन की झड़ी।।
कौशल नंदन राजा राम,
जानकी वल्लभ राजा राम,
जय सियाराम जय जय सियाराम।
रोम रोम को नैन बना लो,
रामसिया के दर्शन पालो,
रोम रोम को नैन बना लो,
रामसिया के दर्शन पालो,
बरसों पीछे आयी है ये मिलन की घड़ी,
सीता राम दरश रस बरसें,
जैसे सावन की झड़ी।।
ऐसे राम दरश रस बरसें,
जैसे सावन की झड़ी,
सीताराम दरश रस बरसें,
जैसे सावन की झड़ी,
सावन की झड़ी,
प्यासे प्राणों पे पड़ी,
ऐसे राम दरश रस बरसें,
जैसे सावन की झड़ी।।
कौशल नंदन राजा राम,
जानकी वल्लभ राजा राम,
जय सियाराम जय जय सियाराम।
Credit Details :
Song: Sita Ram Daras Ras Barse Jaise Sawan Ki Jhadi
Singer: Ravindra Jain & Yeshudas
Lyrics: Ravindra Jain
Music: Ravindra Jain
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