🎵यही रात अंतिम यही रात भारी🎵
🙏 गायक: रवींद्र जैन, अरुण दांगले और चंद्रानी मुखर्जी
🎼 संगीत: रवींद्र जैन
विवरण:
यही रात अंतिम यही रात भारी गाया हुआ रविन्द्र जैन, अरुण डांगले, और चंद्राणी मुखर्जी द्वारा, एक ऐसा भावपूर्ण भजन है जो रावण की अंतिम रात और उसके जीवन के संघर्षों पर आधारित है। इस गीत में धर्म और अधर्म की अंतिम लड़ाई की गहरी व्याख्या है, जिसमें सीता, मंदोदरी, और रावण के मनोभावों का भी वर्णन किया गया है।
यह गीत उस रात की कथा है जब रावण अपने भविष्य और पराजय का सामना करता है। वह सोचता है कि कैसे उसके समस्त बलिदान और शक्तियां उसे बचाने में असमर्थ हो रही हैं। दूसरी ओर, मंदोदरी और सीता भी अपनी अपनी भावनाओं के साथ संघर्ष कर रही हैं। राम के आगमन और धर्म की विजय का समय अब समीप है, और यह रात निर्णायक बन जाती है।
गीत के बोल:
यही रात अंतिम .. यही रात भारी
बस एक रात की अब कहानी है सारी
यही रात अंतिम .. यही रात भारी
नहीं बन्धु बांधव न कोई सहायक
अकेला है लंका में लंका का नायक
सभी रत्न बहुमूल्य रण में गंवाए
लगे घाव ऐसे की भर भी न पाए
दशानन इसी सोच में जागता है
ये जो हो रहा उसका परिणाम क्या है
ये बाज़ी अभी तक न जीती ना हारी
यही रात अंतिम .. यही रात भारी ..
यही रात अंतिम .. यही रात भारी ..
हो भगवान मानव तो समझेगा इतना
कि मानव के जीवन में संघर्ष कितना
विजय अंततः धर्म वीरों की होती
पर इतना सहज भी नहीं है ये मोती
बहुत हो चुकि युद्ध में व्यर्थ हानि
पहुँच जाये परिणाम तक अब ये कहानी
वचन पूर्ण हो देवता हों सुखारी
यही रात अंतिम .. यही रात भारी ..
यही रात अंतिम .. यही रात भारी ..
समर में सदा एक ही पक्ष जीता
जयी होगी मंदोदरी या कि सीता
किसी मांग से उसकी लाली मिटेगी
कोई एक ही कल सुहागन रहेगी
भला धर्मं से पाप कब तक लड़ेगा
या झुकना पड़ेगा या मिटना पड़ेगा
विचारों में मंदोदरी है बेचारी
यही रात अंतिम .. यही रात भारी ..
यही रात अंतिम .. यही रात भारी ..
ये एक रात मानो युगों से बड़ी है
ये सीता के धीरज कि अंतिम कड़ी है
प्रतीक्षा का विष और कितना पिएगी
बिना प्राण के देह कैसे जियेगी
कहे राम रोम अब तो राम आ भी जाओ
दिखाओ दरस अब न इतना रुलाओ
कि रो रो के मर जाए सीता तुम्हारी
यही रात अंतिम .. यही रात भारी ..
यही रात अंतिम .. यही रात भारी ..
बस एक रात की अब कहानी है सारी
यही रात अंतिम .. यही रात भारी ..
यही रात अंतिम .. यही रात भारी ..
Credit Details :
Song: Yehi Raat Antim Yehi Raat Bhaari
Singer: Ravindra Jain, Arun Dangle and Chandrani Mukherjee
Lyrics: Ravindra Jain
Music: Ravindra Jain
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