परिश्रम करे कोई कितना भी लेकिन,
कृपा के बिना काम चलता नहीं ….
निराशा निशा नष्ट होती ना तब तक,
दया भानु जब तक निकलता नहीं…
दमित वासनाये अमित रूप ले जब,
अंतः करण में उपद्रव मचाती,
तब फ़िर कृपासिंधु श्री राम जी के
अनुग्रह बिना काम चलता नहीं…..
म्रगवारी जैसे असत इस जगत से
पुरुषार्थ के बल पे बचना है मुश्किल
श्री हरि के सेवक जो छल छोड़ बनते
उन्हें फ़िर ये संसार छलता नहीं है…..
सद्गुरू शुभाशीष पाने से पहले
जलता नहीं ग्यान दीपक भी घट में
बहती न तब तक समर्पण की सरिता
अहंकार जब तक की गलता नहीं…..
” राजेश्वरानन्द ” आनंद अपना
पाकर ही लगता है जग जाल सपना
तन बदले कितने भी पर प्रभु भजन बिन
कभी जन का जीवन बदलता नहीं….
Credit Details :
Song: Kripa Ke Bina Kaam Banta Nahi Hai
Singer: Pujya Rajan Jee
Lyrics: Traditional
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