Current Date: 18 Oct, 2024

रामजी की निकली सवारी

- Mohammed Rafi


सर पे मुकुट सजे मुख पे उजाला,
हाथ धनुष गले में पुष्प माला ।
हम दास इनके ये सबके स्वामी,
अंजान हम ये अंतरयामी ।
शीश झुकाओ राम गुण गाओ,
बोलो जय विष्णु के अवतारी ।।

रामजी की निकली सवारी,
रामजी की लीला है ।
एक तरफ लक्ष्मण एक तरफ सीता,
बीच में जगत के पालनहारी ।
रामजी की निकली सवारी,
रामजी की लीला है, न्यारी न्यारी ।।

धीरे चला रथ ओ रथ वाले,
तोहे खबर क्या ओ भोले भाले ।
एक बार देखे दिल ना भरेगा,
सौ बार देखो फिर जी करेगा ।
व्याकुल बड़े हैं कबसे खड़े हैं,
दर्शन के प्यासे सब नर नारी ।।

रामजी की निकली सवारी ।
रामजी की लीला हैं न्यारी ।।

चौदह बरस का वनवास पाया,
माता पिता का वचन निभाया ।
धोखे से हर ली रावण ने सीता,
रावण को मारा लंका को जीता ।
तब तब ये आए, तब तब ये आए,
जब जब ये दुनिया इनको पुकारी ।।

रामजी की निकली सवारी ।
रामजी की लीला हैं न्यारी ।।

रामजी की निकली सवारी,
रामजी की लीला है ।
एक तरफ लक्ष्मण एक तरफ सीता,
बीच में जगत के पालनहारी ।
रामजी की निकली सवारी,
रामजी की लीला है, न्यारी न्यारी ।।

Credit Details :

Song: Ramji Ki Nikali Sawari
Singer: Mohammed Rafi
Lyrics: Anand Bakshi
Music: Laxmikant - Pyarelal

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