रघुकुल नंदन मुक्ति बन्धन,
सत सत नमन करूँ अभिनंदन ।
कौशल्या सुत श्री राम को,
न्यौछावर तन मन धन ।।
प्रगट भय जब दीनदयाला,
कौशल्या हियँ हर्ष भारी ।
दसरथ कैकई सुमित्रा हर्षे,
अयोध्या भई पुलकित सारी ।।
विष्णु का अवतरण देखत,
हर्षे गौरी संग त्रिपुरारी ।
नभचर किन्नर देवगण सब,
कीजे रामनवमी का वंदन ।।
बाल काल मे सर्व बिद्या,
राम गुरु वशिष्ठ से पाये ।
सिया संग विवाह बंधन,
धनुष खण्डन से पाये ।।
पितुमात का मान रखके,
चौदह वर्ष बनवास आये ।
रामन के संहार करके,
सिय का मुक्त किया बंधन ।।
Credit Details :
Song: Raghukul Nandan Mukti Bandhan
Singer: Arvind Ojha
Music & Lyrics: Ravindra Khare
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