Current Date: 18 Dec, 2024

राम नाम की चाबी

- अविनाश कर्ण


राम नाम की चाबी ऐसी हर ताले को खोल दे

राम नाम की चाबी ऐसी हर ताले को खोल दे

काम बनेगे बिगड़े सारे

काम बनेगे बिगड़े सारे जय श्री राम बोल दे

जय श्री राम बोल दे

राम नाम की चाबी ऐसी हर ताले को खोल दे

राम नाम की चाबी ऐसी

बोलो राम राम बोलो राम राम

बोलो राम राम राम राम जय श्री राम

बोलो राम राम बोलो राम राम

बोलो राम राम राम राम जय श्री राम

पत्थर की थी एक शिला जो कब से पड़ी थी राहो में

चरण कमल छू नार बनी वो प्रभु उठाये बाहो में

जन्म जन्म के कर्म हमारे वो इक पल में तोल दे

काम बनेगे बिगड़े सारे

काम बनेगे बिगड़े सारे जय श्री राम बोल दे

जय श्री राम बोल दे

राम नाम की चाबी ऐसी हर ताले को खोल दे

बोलो राम राम बोलो राम राम

बोलो राम राम राम राम जय श्री राम

बोलो राम राम बोलो राम राम

बोलो राम राम राम राम जय श्री राम

पार करा के नदियां केवट लखन सिया रघु राज को

जान गया वो क्रिपा सिंधु के छुपे हुए अंदाज को

प्रेम के बदले दींन दयाला द्वार मोक्ष के खोल दे

काम बनगे बिगड़े सारे

काम बनगे बिगड़े सारे जय श्री राम बोल दे

जय श्री राम बोल दे

राम नाम की चाबी ऐसी हर ताले को खोल दे

बोलो राम राम बोलो राम राम

बोलो राम राम राम राम जय श्री राम

बोलो राम राम बोलो राम राम

बोलो राम राम राम राम जय श्री राम

लिरिक्सबोगी.कॉम

सबरी व्याकुल थी दर्शन को बैर तोड़ के लाती थी

मीठे मीठे रखे बावरी खट्टे फल खुद खाती थी

खाके झूठे बेर भक्त को निज दर्शन अनमोल दे

काम बनगे बिगड़े सारे

काम बनगे बिगड़े सारे जय श्री राम बोल दे

जय श्री राम बोल दे

राम नाम की चाबी ऐसी हर ताले को खोल दे

बोलो राम राम बोलो राम राम

बोलो राम राम राम राम जय श्री राम

बोलो राम राम बोलो राम राम

बोलो राम राम राम राम जय श्री राम

राम विमुख है जो प्राणी यहाँ दर दर ठोकर खाते है

महिमा ऐसी राम नाम से पत्थर भी तर जाते है

भक्त हनुमत राम नाम की मिश्री कानो में घोल दे

काम बनगे बिगड़े सारे

काम बनगे बिगड़े सारे जय श्री राम बोल दे

जय श्री राम बोल दे

राम नाम की चाबी ऐसी हर ताले को खोल दे

बोलो राम राम बोलो राम राम

बोलो राम राम राम राम जय श्री राम

बोलो राम राम बोलो राम राम

बोलो राम राम राम राम जय श्री राम.

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