राम के प्यारे,
सिया के दुलारे,
अंजनी माँ के,
नैनो के तारे,
राम के प्यारें,
सिया के दुलारे।।
राम ने भरत समान बताकर,
अपने ह्रदय लगाया,
हनुमान ने राम सिया को,
अपने हृदय बिठाया,
पल पल छीन छीन,
नाम पुकारे,
राम के प्यारें,
सिया के दुलारे।।
मात सिया ने हनुमान को,
ऐसा वर दे डाला,
अजर अमर हो मेरे लाला,
जपो राम की माला,
राम सिया दोनों,
ऋणी है तुम्हारे,
राम के प्यारें,
सिया के दुलारे।।
अंजनी माँ ने हनुमान को,
राम शरण में भेजा,
हरपल राम की सेवा करना,
आशीर्वाद भी लेजा,
राम से ‘पप्पू शर्मा’,
हमें भी मिला रे,
राम के प्यारें,
सिया के दुलारे।।
राम के प्यारे,
सिया के दुलारे,
अंजनी माँ के,
नैनो के तारे,
राम के प्यारें,
सिया के दुलारे।।
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